राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) रविवार को कानपुर देहात स्थित अपने बचपन के दोस्त के.के. अग्रवाल के घर पहुंचे. राष्ट्रपति चार दिवसीय दौरे पर कानपुर में हैं, इस दौरान वे अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से मिल रहे हैं. कानपुर पहुंचने के लिए ट्रेन में सवार हुए कोविंद कानपुर देहात में अपने पैतृक गांव परौंख गए. रविवार को राष्ट्रपति हेलिकॉप्टर से अपने गांव पहुंचे और सम्मान के तौर पर अपने गांव की मिट्टी को छूने के लिए झुक गए.
“मैंने सपने में भी कभी कल्पना नहीं की थी कि गांव के मेरे जैसे एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व-निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा. लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने यह कर के दिखा दिया.”राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
केक लेकर दोस्त के घर पहुंचे थे राष्ट्रपति
अग्रवाल जो एक कपड़ा व्यापारी हैं, उनका पिछले कुछ हफ्तों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है, इसलिए राष्ट्रपति ने अपने पुराने दोस्त के घर जाने का फैसला किया. वह अपने साथ अग्रवाल और उनकी पत्नी वीना की 51वीं शादी की सालगिरह मनाने के लिए केक भी ले गए. राष्ट्रपति एक घंटे से अधिक समय तक अग्रवाल के आवास पर रहे.
‘कृष्ण, सुदामा के घर आए थे’
बाद में मीडिया से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि वह इस बात से उत्साहित हैं कि राष्ट्रपति ने उनसे मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह उन्हें भगवान कृष्ण की याद दिलाता है जो उनके गरीब मित्र सुदामा के घर आए थे. उनकी शादी की सालगिरह मनाने के लिए केक ले जाने के राष्ट्रपति के इशारे ने इस अवसर को खास बना दिया. अग्रवाल और राष्ट्रपति कोविंद के परिवार बहुत लंबे समय से दोस्त हैं. कानपुर के व्यवसायी ने दिल्ली में राष्ट्रपति भवन का दौरा किया था, जब कोविंद ने देश के सर्वोच्च पद की शपथ ली थी.
राष्ट्रपति बनने के बाद से पहले दौरा
2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद का अपने पैतृक गांव का यह पहला दौरा है. राष्ट्रपति भवन के एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने ‘अपने पूर्ववर्तियों की परंपरा के अनुसार’ अपने पैतृक गांव के लिए एक ट्रेन यात्रा करने का फैसला किया. कोविंद से पहले पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के कैडेटों की परेड में भाग लेने के लिए दिल्ली से देहरादून के लिए एक विशेष ट्रेन में यात्रा की थी.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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