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PM मोदी ने बैठक में यूक्रेन पर ली जानकारी,भारतीय सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुई.

Published
भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूक्रेन (Ukraine) में चल रहे युद्ध के संदर्भ में भारत की सुरक्षा तैयारियों और मौजूदा वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा के लिए रविवार दोपहर, 13 मार्च को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुईं.

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आधिकारिक सरकारी बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री को बॉर्डर वाले इलाकों के साथ-साथ समुद्री और हवाई क्षेत्र में भारत की सुरक्षा तैयारियों के नए विकास और विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया."

बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री को यूक्रेन में नई घटनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत के पड़ोसी देशों के कुछ नागरिकों को यूक्रेन से निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा की डिटेल्स भी शामिल है.

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, रक्षा सचिव अजय कुमार और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी शामिल थे

पीएम ने यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र के पार्थिव शरीर को लाने का निर्देश दिया

पीएम मोदी ने यह भी निर्देश दिया कि यूक्रेन में गोलाबारी के दौरान मारे गए एमबीबीएस छात्र नवीन शेखरप्पा के नश्वर अवशेषों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए.

खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर 1 मार्च की सुबह शहर में रूसी गोलाबारी शुरू होने के दौरान, खार्किव के एक सुपरमार्केट में किराने का सामान खरीदने के लिए लाइन में खड़े थे. तभी शहर में गवर्नर हाउस को निशाना बनाकर किए गए बम हमले में 21 वर्षीय भारतीय छात्र की मौत हो गई थी.

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8 मार्च को, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था, "विदेश मंत्री (ईएएम) डॉ एस जयशंकर ने हमें सूचित किया है कि नवीन के शरीर को यूक्रेन में एक मुर्दाघर में रखा गया है. गोलाबारी बंद होने के बाद उनका शरीर भारत लाया जाएगा.

यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने का कार्यक्रम 'ऑपरेशन गंगा' इस हफ्ते की शुरुआत में खत्म हो गया है.

मोदी ने 7 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी, जिसमें चल रहे संघर्ष के बीच सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने का आग्रह किया गया था. इससे पहले उसी दिन, उन्होंने वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी बात की थी, जहां उन्होंने भारतीय नागरिकों को निकालने में यूक्रेन द्वारा दी गई मदद के लिए उन्हें धन्यवाद दिया था.

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