प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना पहुंचे. यहां पीएम मोदी ने कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव से मुलाकात की.
भारत को मिल सकती है SCO की सदस्यता
अस्ताना में शिखर बैठक के दौरान भारत को एससीओ की सदस्यता मिलने की काफी ज्यादा उम्मीद है. सदस्यता मिलने के बाद आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई को अधिक मजबूत बनाने और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है.
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा ऊर्जा खपत वाले देशों में शामिल है. फिलहाल एससीओ के छह देश सदस्य हैं, इन देशों के पास तेल और प्राकृतिक गैस का भरपूर भंडार है.
भारत का मानना है कि एससीओ सदस्य के तौर पर वह आतंकवाद के खतरों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
अस्ताना शिखर बैठक में पाकिस्तान को भी एससीओ की पूर्णकालिक सदस्यता मिलने की संभावना है. दोनों दक्षिण एशियाई देश चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के बाद एससीओ के 7वें और 8वें सदस्य बन सकते हैं.
पीएम मोदी ने सदस्यता मिलने की जताई उम्मीद
अस्ताना रवाना होने से पहले बुधवार को पीएम मोदी ने कहा था कि एससीओ की सदस्यता मिलने से भारत को यूरेशियन समूह के साथ संबंध, अर्थव्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के संबंध में मदद मिलेगी.
शिखर बैठक में पीएम हिस्सा लेने के बाद भारत लौटने से पहले मोदी वर्ल्ड एक्सपोजिशन में भी हिस्सा लेंगे, जिसकी मेजबानी इस साल किर्गिस्तान कर रहा है.
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