अपने आपको मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर से संबंधित होने का दावा करने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी का कहना है कि मुस्लिमों को हिंदुओं के साथ मिलकर मंदिर निर्माण में हाथ बंटाना चाहिए. इससे भाईचारे का एक बड़ा उदाहरण पेश होगा.
एएनआई से बात करते हुए तुसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और सभी को फैसले से खुश होना चाहिए.
हिंदु और मुस्लिमों को एकसाथ आकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करना चाहिए, ताकि पंथनिरपेक्षता और धार्मिक भाईचारे का दुनिया के सामने एक शानदार उदाहरण पेश हो सके.प्रिंस याकूब तुसी, मुगल प्रिंस होने और अपना संबंध बहादुर शाह जफर से होने का दावा करने वाले शख्स
‘सोने की ईंट देंगे तुसी’
तुसी ने मंदिर निर्माण के लिए सोने की ईंट देने की पेशकश की थी. वे अभी भी अपनी बात पर कायम हैं. उनका कहना है कि वे खुद प्रधानमंत्री मोदी को यह ईंट सौंपेंगे. उन्होंने कहा,
मैं सोने की ईंट वाले अपने वायदे पर अभी भी काबिज हूं. जब भी मंदिर का आधार बनाया जाएगा, मैं खुद प्रधानमंत्री के पास जाकर उन्हें सोने की ईंट सौंपूंगा.
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बता दें अयोध्या में जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रामलला विराजमान के पक्ष में सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 5-0 की सर्वसम्मति से यह फैसला दिया है.
वहीं निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया गया. मुस्लिमों को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन दिए जाने का भी कोर्ट ने आदेश दिया है ताकि वे एक नई मस्जिद बना सकें. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सरकार को अगले तीन महीनों में मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाना है.
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