#MeToo मूवमेंट के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को लेकर कई खुलासे किए थे और उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में एमजे अकबर ने रमानी के खिलाफ मानहानि का केस किया था, जिसे लेकर अब कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने प्रिया रमानी को इस मामले में बरी कर दिया है. इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर इसे महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की जीत बताया जा रहा है. साथ ही मीटू मूवमेंट को भी लोग याद कर रहे हैं.
इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के पास कई दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि, महिलाओं को यौन शोषण के खिलाफ आवाज उटाने को लेकर मानहानि के दावे के आधार पर सजा नहीं दी जा सकती है. किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की कीमत पर नहीं हो सकती है.
इस अहम फैसले के बाद ट्विटर पर लगातार प्रिया रमानी के समर्थन में ट्वीट हुए. कई पत्रकारों ने भी इसे लेकर बात की और इसे महिलाओं को ताकतवर बनाने वाला फैसला बताया. पत्रकार निधि राजदान और बरखा दत्त ने इसे ऐतिहासिक बताया.
कई और लोगों ने भी प्रिया रमानी को लेकर ट्वीट किए. जिसमें उन्होंने रमानी की हिम्मत की दाद भी दी. कुछ यूजर ने इस फैसले को मीटू इंडिया के लिए एक मील का पत्थर बताया.
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