कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को मुजफ्फरनगर सीएए विरोध के दौरान मारे गए नूर मोहम्मद के परिवार से मिलने के बाद मेरठ पहुंच गईं. यहां भी वह सीएए विरोध के दौरान हिंसा के शिकार हुए लोगों से मिल सकती हैं. 20 दिसंबर, 2019 को मेरठ में हिंसा में छह लोग मारे गए थे. 24 दिसंबर को प्रियंका और राहुल गांधी मेरठ आने से रोका गया था. दोनों यहां 20 दिसंबर को जुमे की नमाज की बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रहे थे.
प्रियंका ने कहा,पुलिस का काम लोगों को न्याय दिलाना न कि मारपीट करना
इससे पहले प्रियंका प्रियंका मुजफ्फरनगर पहुंचीं और सीएए विरोध के दौरान हिंसा में मारे गए नूर मोहम्मद की पत्नी और अन्य परिजनों से मुलाकात की. प्रियंका ने रुकैया परवीन नाम की उस युवती से भी मुलाकात की, जिसकी शादी होने वाली है. रुकैया के परिवार का आरोप है कि पुलिस उनके घर में घुसी और बहुत सारा सामान ले गई. वह मुजफ्फरनगर के शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवई नगर स्थित मौलाना असद रजा से भी मिलीं.
प्रियंका ने कहा कि 20 दिसंबर को पुलिस ने मदरसे में घुसकर बच्चों से मारपीट की. लोगों को गिरफ्तार कर लिया. मौलाना को भी मारपीट कर घायल किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस का काम लोगों को न्याय दिलाना होता है न कि उनके साथ मारपीट करना. यहां उल्टा हुआ है. जिनके साथ अन्याय हुआ है हम उनके साथ खड़े हैं. मैं तोड़फोड़ व उत्पीड़न की रिपोर्ट राज्यपाल को भेज चूकी हूं.
प्रियंका ने कहा 'मैंने यहां मौलाना असद हुसैनी से मुलाकात की. उन्हें पुलिस ने बेरहमी से पीटा था. पुलिस ने मदरसे के छात्रों जिनमें नाबालिग भी थे, को बिना किसी वजह के हिरासत में ले लिया. उनमें से कुछ लोगों को छोड़ दिया गया है और कुछ लोग अभी भी हिरासत में हैं.’’
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