एशियाई खेल में गोल्ड मेडल जीतने वाली एथलीट प्रियंका पवार पर डोप टेस्ट में असफल होने की वजह से 8 साल के लिए बैन लगा दिया है. इस बैन के बाद उनका करियर लगभग समाप्त हो गया है.
नाडा के अनुशासनात्मक पैनल ने बैन की सजा सुनाई है. प्रियंका के पिछले साल हुए परीक्षण के नतीजे के आधार पर नाडा पैनल ने यह फैसला सुनाया.
नाडा प्रमुख नवीन अग्रवाल ने बताया कि जुलाई 2016 से प्रिंयका को आठ साल के लिए निलंबित किया गया है. प्रियंका का सैंपल मेफेनटेरमाइन के लिए पाजीटिव पाया गया था, जो एक शक्तिवर्धक दवा है.
प्रियंका को हैदराबाद में इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बैन प्रोडक्ट के इस्तेमाल का दोषी पाया गया था. यह चैंपियनशिप पिछले साल 28 जून से दो जुलाई के बीच खेली गई थी. तब से उन पर अस्थाई बैन था.
नाडा के नियम के अनुसार अगर खिलाड़ी दो बार डोपिंग में पकड़ा जाता है, तो उस पर आठ साल से लेकर अजीवन बैन भी लगाया जा सकता है. खिलाड़ी के राष्ट्रीय और अंतरार्ष्ट्रीय पदक तत्काल प्रभाव से जब्त कर लिए जाते हैं. प्रियंका इससे पहले 2011 में भी डोप टेस्ट में फेल हो गई थीं. दो साल के बैन के बाद वह 2013 में वापस आई थीं.
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