केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एसपीजी सिक्योरिटी वापस लेना का फैसला किया है. न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. अब उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी जाएगी.
कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने इसे निजी बदले की भावना करार दिया है.
BJP निजी बदले की भावना के स्तर पर उतर आई है और 2 पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा से समझौता कर रही है.अहमद पटेल
राहुल गांधी ने सिक्योरिटी हटाए जाने के बाद SPG को ट्वीट लिखकर 'धन्यवाद' कहा है.
राहुल ने लिखा, “सालों से मुझे और मेरे परिवार की सुरक्षा में रहने के लिए SPG के सभी भाईयों और बहनों को धन्यवाद. आपकी निष्ठा, हमेशा सहारा देने और एक यादगार यात्रा के लिए बहुत शुक्रिया. आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएं.”
एसपीजी सुरक्षा क्या है?
एसपीजी मतलब स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप. नाम से ही मतलब साफ है कि ये से विशेष सुरक्षा होती है. ये देश की सबसे ऊंचे स्तर की सुरक्षा है और इसमें बेहद पेशेवर और आधुनिकतम उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी होते हैं. इसके तहत प्रधानमंत्रियों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा दी जाती है. ये फोर्स गृह मंत्रालय के अधीन होती है. 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से तय किया गया कि प्रधानमंत्री के दर्जे के लोगों को विशेष तरह की सुरक्षा दी जानी चाहिए. इसी के बाद एसपीजी अस्तित्व में आया.
क्या है जेड प्लस सुरक्षा?
जेड प्लस सुरक्षा एसपीजी के बाद दूसरे नंबर की चुस्त दुरुस्त सुरक्षा फोर्स है. जेड प्लस सुरक्षा में 4 से 5 एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सिक्योरिटी गार्ड तैनात होते हैं. आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान जेड प्लस सुरक्षा श्रेणी में शामिल रहते हैं. साथ ही Z+ सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)