ADVERTISEMENTREMOVE AD

बड़ी कंपनियों के दूध में भी मिलावट, सरकार ने देश भर में की स्टडी

लिक्विड मिल्क के सैंपल्स में से 7.1 फीसदी सेफ्टी के हिसाब से खराब पाए गए

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

देश की बड़ी कंपनियों के रॉ और प्रोसेस्ड दूध में मिलावट सामने आई है. फूड रेगुलेटर FSSAI की एक स्टडी में सामने आया है कि कई बड़े ब्रांड दूध की निर्धारित क्वालिटी और स्टैंडर्ड्स पर फेल हो गए है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

18 अक्टूबर, शुक्रवार को स्टडी को रिलीज करते हुए FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने कहा कि मिलावट से ज्यादा, दूध का दूषित होना गंभीर समस्या है. उन्होंने बताया कि प्रोसेस्ड दूध के सैंपल्स में Aflatoxin-M1, एंटीबायोटिक्स और पेस्टिसाइड्स पाए गए हैं.

FSSAI स्टडी के लिए 1,103 शहरों से 6,432 सैंपल्स लिए गए थे. ये सैंपल्स 2018 में मई से अक्टूबर के बीच सभी शहरों और केंद्र शासित राज्यों से ऑर्गनाइज्ड और अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर से लिए गए थे.

लिक्विड मिल्क के इन 6,432 सैंपल्स में से 456 सैंपल (7.1 फीसदी) सेफ्टी के हिसाब से खराब पाए गए. इनमें से 12 सैंपल में यूरिया, डिटर्जेंट जैसी मिलावट पाई गई.

‘सर्वे में, 6,432 सैंपल्स में से 368 में Aflatoxin M1 की मात्रा तय मात्रा से ज्यादा पाई गई, जो कि 5.7 फीसदी है. दूध में Aflatoxin M1 की मात्रा को लेकर इतना डिटेल्ड सर्वे पहली बार किया गया है. Aflatoxin M1 एक तरह का फंगस है, जो दूध में चारे से आता है, जिसे देश में रेगुलेट नहीं किया जाता है. ये तमिलनाडु, दिल्ली और केरल के पैकेज्ड मिल्क में ज्यादा पाया गया.’
पवन अग्रवाल, सीईओ, FSSAI

सर्वे में जहां 93 फीसदी सैंपल को पीने के हिसाब से सुरक्षित बताया गया, वहीं ये भी सामने आया है कि 41 फीसदी सैंपल में किसी न किसी तरह की मिलावट देखने को मिली है.

दूध में मिलावट रोकने के लिए, FSSAI ने ऑर्गनाइज्ड सेक्टर की सभी कंपनियों को 1 जनवरी, 2020 से क्वालिटी पर खरा उतरने, और सैंपल के टेस्टिंग और इंस्पेक्शन का निर्देश दिया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×