SC-ST एक्ट पर दलितों के बाद गुरुवार को सवर्ण जातियों ने भारत बंद बुलाया था. ये बंद SC-ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को जारी एक आदेश में SC-ST एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए तत्काल गिरफ्तारी और आपराधिक मामला दर्ज करने पर रोक लगा दी थी. सरकार ने अध्यादेश लाकर इसी फैसले को पलट दिया गया, जिससे कुछ सवर्ण जातियों के संगठन नाराज हैं. आइए जानते हैं 6 सितंबर को बुलाए गए बंद के बारे में 10 बड़ी बातें-
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- 'भारत बंद' के नाम पर किए गए इस प्रदर्शन का असर खासकर मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में है. मध्य प्रदेश, राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
- मध्य प्रदेश के छतरपुर, शिवपुरी, भिंड, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, कटनी समेत कई जगहों पर धारा 144 लागू रही. दिनभर पेट्रोल पंप बंद रहे, मंडियों में कामकाज बंद रहा. सावधानी को ध्यान में रखते हुए स्कूल-कॉलेज भी बंद रखे गए.
- राज्य के कई हिस्सों में बीते एक हफ्ते से एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ आंदोलनों का दौर जारी है. बीजेपी, कांग्रेस के नेताओं को गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान कुछ जिलों में इंटरनेट भी बंद रखे गए.
- बिहार के नालंदा, भोजपुर, गया, सारण, मुंगेर जिले में भी बंद समर्थक सड़क पर उतरे और कई सड़कों को बंदकर प्रदर्शन किया. दरभंगा में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी. कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की भी खबर है.
- उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगह पर 'छोटे' विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. वाराणसी में बीएचयू के बाहर एक्ट के खिलाफ पुतला फूंका. पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में स्कूलों में बच्चों की संख्या कम ही दिखी. कुछ प्रदर्शनकारियों ने आगरा-ग्वालियर हाईवे रोक दिया था.
- यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि एसटी कानून के विरोध में बंद पर कहा कि भारत बंद का कोई मतलब नहीं है, लोगों की अपनी भावनाएं हैं, लोकतन्त्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है. कांग्रेस नेताओं ने इस बंद का ठीकरा विपक्ष के सिर फोड़ा है.
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- राजस्थान में बंद का मिला जुला असर रहा. बंद के समर्थन में बाजार में दुकानें, व्यावसायिक संस्थान, स्कूल-कॉलेज बंद रहीं.राजस्थान के विशिष्ट पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ने बताया कि बंद को देखते हुए स्थानीय पुलिस के साथ-साथ सडकों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. अभी तक कहीं से किसी प्रकार की हिंसा और अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है.
- इससे पहले पहले सुप्रीम कोर्ट ने जब मार्च में SC-ST एक्ट पर फैसला सुनाया गया था. दलित संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए2 अप्रैल को 'भारत बंद' बुलाया था, इसका असर कई राज्यों में देखने को मिला था. प्रदर्शन के दौरान ही कई लोगों की मौत हो गई थी.
- 6 अगस्त को लोकसभा में SC-ST संशोधन विधेयक, 2018 पारित कराया गया. जिससे सुप्रीम कोर्ट का वो आदेश पलट गया, जिसके तहत एससी/एसटी के खिलाफ मामले में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी.
- लोकसभा में केंद्रीय न्याय और आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा था, "सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ वहां समीक्षा याचिका दाखिल की थी. उस आदेश में SC-ST एक्ट, 1989 के वास्तविक प्रावधानों को कमजोर बनाया गया था."
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टॉपिक: दलित आंदोलन भारत बंद SC-ST एक्ट
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