ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों ने बदला रूट, लाल किला तक पहुंचे

ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत के 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली लाल किले तक पहुंच गई है. ये किसान केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

ट्रैक्टर रैली में जहां प्रदर्शनकारी तय रूट से आगे बढ़ते दिखे हैं, वहीं पुलिस उन्हें रोकने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले दागती नजर आई है. इस बीच नांगलोई में एरिया ब्लॉक करने के लिए पुलिसकर्मी सड़क पर बैठ गए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
दिल्ली पुलिस ने किसानों को 3 तय रूट से राजधानी में ट्रैक्टर रैली करने की सशर्त इजाजत दी थी और कहा था कि राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के बाद रैली की जा सकती है. हालांकि बहुत से प्रदर्शनकारी किसानों ने 26 जनवरी को सुबह करीब 8 बजे ही सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से पैदल और ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में अंदर जाने की कोशिश की.

गाजीपुर से प्रदर्शनकारी आईटीओ पहुंच गए, उन्होंने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने मौजूद बैरिकैड्स को भी तोड़ दिया.

ITO में प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोग पुलिसकर्मियों पर हमला करते भी दिखे. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी एक पुलिसकर्मी को भीड़ से बचाते भी दिखे.

सेंट्रल दिल्ली के आईटीओ इलाके में प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच झड़प में दोनों पक्ष से कुछ घायल भी हुए हैं.

दिल्ली पुलिस ने इन रूट पर दी थी किसानों को ट्रैक्टर रैली की इजाजत

दिल्ली पुलिस ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि उसने किसानों को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली की सशर्त इजाजत दी है. इस दौरान स्पेशल सीपी (इंटेलिजेंस) दीपेंद्र पाठक ने कहा था, ''हमने भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ चर्चा की. इस बात पर सहमति बनी है कि वे अपना मार्च राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के बाद करेंगे. परेड के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए. हम उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×