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J&K कवरेज पर पत्रकारों को पुलित्जर,बोर्ड का दावा- यहां आजादी रद्द

यह पुरस्कार चन्नी आनंद, मुख्तार खान और डार यासीन को फीचर फोटोग्राफी में मिला है.

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भारत के तीन फोटोग्राफरों को प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद कोलंबिया विश्वविद्यालय के पुलित्जर बोर्ड ने दावा किया है कि उन्हें यह पुरस्कार उनके काम के चलते ही दिया गया है. साथ ही बोर्ड ने यह भी कहा है कि भारत ने कश्मीर की आजादी को रद्द किया है.

यह पुरस्कार चन्नी आनंद, मुख्तार खान और डार यासीन को फीचर फोटोग्राफी में मिला है. ये तीनों ही समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम करते है. इन्होंने पिछले साल घाटी में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद की स्थितियों को अपने कैमरे में कैद कर लोगों तक पहुंचाया था. इस पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की गई.

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सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है पुलित्जर

अमेरिकी पत्रकारिता के लिए सबसे प्रतिष्ठित माना जाने वाला यह पुरस्कार विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से जुड़ा है, जहां निर्णय लेने के बाद विजेताओं की घोषणा की गई है, हालांकि इस बार इसे दूर से ही बैठे किया गया. पुरस्कार में एक प्रमाण पत्र के अलावा 15,000 डॉलर की राशि भी शामिल है. हालांकि पत्रकारिता के सार्वजनिक सेवा श्रेणी में विजेता को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाता है.

सार्वजनिक सेवा का पुरस्कार द एंकोरेज डेली न्यूज को अलास्का राज्य में पुलिसिंग के साथ मिलकर काम करने के चलते दिया गया.

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AP photographers in Kashmir win Pulitzer⁠⠀ ⁠⠀ The story of India’s crackdown on Kashmir was difficult to show to the world: The unprecedented lockdown included a sweeping curfew and shutdowns of phone and internet service.⁠⠀ ⁠⠀ But Associated Press photographers Dar Yasin, Mukhtar Khan and Channi Anand found ways to let outsiders see what was happening last August in the region of 7 million people.⁠⠀ ⁠⠀ Snaking around roadblocks, sometimes taking cover in strangers’ homes and hiding cameras in vegetable bags, the three captured images of protests, police and paramilitary action and daily life -- and then headed to an airport to persuade travelers to carry the photo files out with them and get them to AP’s office in New Delhi.⁠⠀ ⁠⠀ “It was always cat-and-mouse,” Yasin recalled Monday as he, Khan and Anand won the 2020 Pulitzer Prize for feature photography. He added by email: “These things made us more determined than ever to never be silenced.” ⁠⠀ ⁠⠀ Anand said the award left him speechless.⁠⠀ ⁠⠀ “I was shocked and could not believe it,” he said, calling the prize-winning photos a continuation of the work he’s been doing for 20 years with AP.⁠⠀ ⁠⠀ Click the link in bio to see all of the winning images.⁠⠀ #APPhotos #PulitzerPrize Dar Yasin @daryasinap, Mukhtar Khan @mukhtarap and Channi Anand @channipictures⁠⠀

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'भारत ने कश्मीर की आजादी की रद्द'

तीनों को यह पुरस्कार देते हुए बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि "यह कश्मीर के विवादास्पद क्षेत्र में जिंदगी की तस्वीरों को उकेरने के लिए उन्हें दिया गया है, जहां भारत ने उनकी स्वतंत्रता को को रद्द किया और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वहां संचार ब्लैकआउट को लागू कर दिया गया था."

केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को पिछले साल रद्द किया, जिसके तहत कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते थे.

इस दौरान भारतीय पत्रकारों को काम करने दिया गया, जबकि गैर-भारतीय पत्रकारों को रोका गया, लेकिन बोर्ड द्वारा कश्मीर की स्वतंत्रता को रद्द किए जाने के गलत दावे के साथ उनके इस तरह शब्दों से पुलित्जर बोर्ड की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

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