मसूद अजहर अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है.संयुक्त राष्ट्र की बैठक में मसूद अजहर के खिलाफ ये बड़ा फैसला लिया गया है. ऐसे में जानते हैं कि ये आतंकी भारत के चंगुल से कैसे छूटा था. पुलवामा में इतना बड़ा आतंकी हमला करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को भारत सरकार को ही छोड़ना पड़ा था. जिसके बाद इस मसूर की आतंकी मानसिकता ने कई मासूमों और भारतीय जवानों की जान ली. लगातार पाकिस्तान से आतंकियों को तैयार कर रहे मसूद अजहर को 176 पैसेंजरों की जान बचाने के लिए छोड़ा गया था. जानिए वो पूरी साजिश जिसने इस खूंखार आतंकी को भारत के चुंगल से छुड़वाया.
आईसी- 814 को किया हाईजैक
20 साल पहले 24 दिसंबर 1999 को देश थरथरा उठा था. इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी- 814 जो काठमांडू से नई दिल्ली के लिए आ रही थी, 180 लोगों से सवार यह फ्लाइट हाईजैक कर ली गई. जिसके बाद पूरे देश में हंगामा मच गया. सरकार को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि आतंकी ऐसी किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं.
जैश-ए -मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर की रिहाई के बदले भारत सरकार ने बचाई थी सैकड़ों यात्रियों की जान, आतंकियों की कई मांगों को किया गया था खारिज, लेकिन साथियों की रिहाई पर अड़े रहे आतंकियों ने सरकार से यह शर्त किसी भी हालत में पूरी करने की मांग की
दुबई में कुछ यात्रियों को किया रिहा
विमान हाईजैक के कुछ ही घंटों के बाद आतंकियों ने एक यात्री को मार डाला. जिसके बाद भारत सरकार पर और भी ज्यादा दबाव बनता गया. विमान हाईजैक किए जाने के बाद दुबई पहुंचा. जहां ईंधन भरे जाने के बदले कुछ यात्रियों की रिहाई पर समझौता किया गया. बताया जाता है कि यहां 27 यात्रियों को रिहा कर दिया गया था.
आतंकियों ने की ये डिमांड
आतंकियों ने विमान को अफगानिस्तान के कंधार में उतार दिया. तालिबान के समर्थन में यह विमान वहां उतारा गया. जिसके बाद तालिबानी आतंकियों ने चारों तरफ से विमान को घेर दिया. आतंकियों ने भारतीय लोगों को छोड़ने के एवज में कई करोड़ रुपये और भारत की जेल में बंद अपने साथियों को छोड़ने की डिमांड की.
आखिरकार हुआ समझौता
आतंकियों के साथ कई मुद्दों पर समझौता करने के लिए बातचीत का दौर लंबा चला. जिसके बाद आखिरकार अंतिम समझौता कर लिया गया. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने आतंकियों की कुछ मांगे मानने का फैसला लिया. जिसमें कुछ आतंकियों को रिहा करने की बात थी. छोड़े गए आतंकियों में जैश-ए -मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे खूंखार आतंकी शामिल थे. इसके बाद तालिबान ने सभी यात्रियों को छोड़ दिया.
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