पुणे पुलिस ने भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार हुए सोशल एक्टिविस्ट गौतम नवलखा पर बड़ा दावा किया है. पुलिस के मुताबिक नवलखा कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के संपर्क में थे. पुणे पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है. इस रिपोर्ट में नवलखा के आतंकियों के साथ सीधे संबंध बताए गए हैं.
पुणे पुलिस ने मुंबई हाईकोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गौतम नवलखा कश्मीर में कई अलगाववादियों के साथ भी संपर्क में थे. इस रिपोर्ट में गौतम नवलखा के कोडनेम का भी जिक्र किया गया है. बताया गया है कि उन्हें जीएन के नाम से बुलाया जाता था.
कस्टडी बढ़ाने के मांग
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि गौतम नवलखा को पुलिस कस्टडी में रखा जाए. पुलिस का कहना है कि अभी जांच चल रही है, फिलहाल कई बातों से पर्दा उठना बाकी है. इसीलिए नवलखा को पुलिस की कस्टडी में रखा जाना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने ऐसा आदेश नहीं दिया. कोर्ट ने अगले आदेश तक नवलखा की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखी.
बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि गौतम नवलखा की हिजबुल कमांडर से भी मुलाकात हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों की तरफ से हथियारों की अदला-बदली और बाकी जरूरी सूचनाओं के लिए ये मुलाकात हुई थी. बताया गया है कि नवलखा ने परवेज खान को माओवादी कमांडर से मिलने भेजा था.
अर्बन नक्सल पर मचा था बवाल
पिछले साल अर्बन नक्सल का मामला काफी उठा था. ये नाम तब सामने आया था जब अचानक पांच जाने-माने सोशल एक्टिविस्ट को गिरफ्तार कर लिया गया. जिनमें वेरनॉन गोंसाल्विज, अरुण फरेरा, सुधा भरद्वाज, वरवर राव और गौतम नवलखा जैसे लोग शामिल थे. इन लोगों की गिरफ्तारी पर सरकार की जमकर आलोचना हुई थी. पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था.
इन सभी लोगों की गिरफ्तारी के बाद जमकर बवाल हुआ था. विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार की खूब आलोचना की थी. आरोप लगाए गए कि सरकार ने उसके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों पर ये कार्रवाई की है.
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