सीबीआई ने शनिवार, 17 फरवरी को तीन पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों को अपनी गिरफ्त में लिया. उनके नाम हैं गोकुलनाथ शेट्टी, मनोज खरात और हेमंत भट्ट. इन तीनों अधिकारियों पर 11,400 करोड़ के घोटाले में शामिल होने का आरोप है. हिरासत में लिए गए इन अधिकारियों ने खुलासा किया है कि हर एक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी LoU के लिए बैंक के अधिकारियों को कुछ कमीशन मिलता था. एंग्रिमेंट की राशि जितनी बड़ी होती थी, कमीशन भी उस हिसाब से ही होता था और जो कमीशन आता था, वो बैंक के हर एक अधिकारी के बीच बराबर-बराबर बंटता था. पीएनबी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस घोटाले में 63 दिनों में ही 143 एलओयू जारी कर दिए गए थे.
स्टाफ के और ज्यादा मेंबर्स को लेकर सीबीआई तेजी से जांच कर रही है, साथ ही ANI न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार हुए अधिकारी जांच में मदद नहीं कर रहे हैं.
सीबीआई को उन सभी लोगों के नाम दे दिए गए हैं, जिनसे उन्हें पूछताछ करनी है. सीबीआई ने बैंक अधिकारियों से उन सभी बैंक ब्रांच के बारे में भी पूछा जहां पर लगातार रेड मारी जा रही है. बैंक अधिकारियों ने सीबीआई को बताया कि कई अधिकारी स्विफ्ट प्रोसेस का इस्तेमाल करते थे, जिसमें गोकुलनाथ शेट्टी भी शामिल था. शेट्टी ने कई पासवर्ड के जरिए फ्रॉड को अंजाम देने में मदद की. पूछताछ में सामने आया है कि इस फ्रॉड स्कैम में ना सिर्फ पीएनबी के अधिकारी बल्कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे.
नीरव और रिश्तेदारों की 150 फर्जी कंपनियां
जांच एजेंसियों को नीरव मोदी के खिलाफ चल रही जांच में उसके और उसके रिश्तेदारों, सहयोगियों की 150 शेल (फर्जी) कंपनियों का पता चला है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इन फर्जी कंपनियों की पहचान की है. शेल कंपनियां, किसी कंपनी की ओर से गलत तरीके से जुटाए गए फंड को ठिकाने लगाने के लिए खोली जाती हैं
संसद में जोरदार तरीके से उठाएंगे पीएनबी घोटाले का मुद्दा: कांग्रेस
कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वह पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मसला जोरदार तरीके से संसद में उठाएगी और इस संबंध में विभिन्न विपक्षी दलों से भी सरकार पर दबाव डालने को कहेगी. कांग्रेस ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी की संचालन समिति की ओर से सभी अन्य दलों से बातचीत करने और संसद में एक रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.
क्या है ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ का चक्कर?
ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी और उनके सहयोगियों की तीन कंपनियों- Diamonds R US, Steller Diamonds और Solar Exports ने पीएनबी से जनवरी के महीने में ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ की मांग की. जिसके एवज में बैंक ने कैश मार्जिन जमा करने को कहा. इस पर कंपनी का जवाब था कि उनको काफी पहले से ‘लेटर ऑफ अंडकटेकिंग’ मिलता रहा है. जब बैंक के रिकॉर्ड में पुराने ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ का कोई जिक्र नहीं मिला तो शक बढ़ा. जांच में पता चला है कि बैंक के दो कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी ‘लेटर ऑफ अंडरटेकिंग’ जारी हो रहे थे जिसके आधार पर नीरव मोदी और उनके सहयोगियों की कंपनी इंटरनेशनल बैंक की शाखाओं से ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ लेती रही.
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