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QPodcast: लातेहार लिंचिंग केस में आज सजा का ऐलान, सरोगेसी बिल पास

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अब राजस्थान में भी किसानों का कर्ज माफ

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान सरकार ने भी किसानों को बड़ी राहत दी है. राजस्थान सरकार ने राज्य में किसानों का कर्जमाफ करने की घोषणा कर दी है. राजस्थान के किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्जमाफ किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इससे राज्य सरकार पर कुल 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा.

वहीं कर्ज माफी के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा,

Its done, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के कर्जमाफ कर दिए गए हैं. हमने सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों की कर्जमाफी की बात कही थी, लेकिन सिर्फ 2 दिन में ही कर्जमाफी हो गई.

लातेहार लिंचिंग केस में 8 आरोपी दोषी करार, सजा का ऐलान आज

झारखंड के लातेहार लिंचिंग केस में बड़ा फैसला आया है. लोकल कोर्ट ने इस मामले में सभी 8 लोगों को दोषी करार दिया है. बुधवार को कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया. सभी आरोपियों को आज जिला अदालत में पेश किया जाएगा. जहां उन्हें सजा सुनाई जाएगी.

बता दें कि 18 मार्च 2016 को लातेहार के खपरेलवर गांव में दो मवेशी व्यापारियों को भीड़ ने पहले तो पीट-पीटकर मार डाला और इसके बाद गांव में एक पेड़ से लटका दिया था. इस मामले में पुलिस ने आरोपितों को घटना के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जिसके बाद सभी आरोपी बेल पर थे.

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सिविल सर्विसेज कैंडिडेट के लिए एज लिमिट कम करने की सिफारिश

सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सिविल सर्विसेज के कैंडिडेट्स के लिए एज लिमिट कम करने की सिफारिश की है. आयोग ने कहा है कि सिविल सर्विसेज में जनरल केटेगरी के कैंडिडेट के लिए एज लिमिट 30 से घटाकर 27 साल कर दी जानी चाहिए. आयोग ने कहा है कि 27 साल एज लिमिट साल 2022-23 तक लागू कर देनी चाहिए. आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी सिविल सेवाओं के लिए सिर्फ एक ही एग्जाम ली जानी चाहिए.

साथ ही ये भी सुझाव दिया गया है कि सभी सेवाओं में रिक्रूटमेंट के लिए सेंट्रल टैलेंट पूल बनाए जाए. जिसमें इसमें कैंडिडेट्स को उनके टैलेंट के हिसाब से अलग अलग सेवाओं में लगाया जाए.

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लोकसभा में सरोगेसी बिल पास

लोकसभा ने बुधवार को सरोगेसी बिल पास कर दिया. इस बिल के तहत कमर्शियल सरोगेसी को बैन किया गया है. सिर्फ मदद के मकसद से करीबी रिश्तेदारों द्वारा सरोगेसी अपनाए जाने को ही कानूनी करार देने का प्रावधान इस बिल में है. बिल के मुताबिक, समलैंगिक, सिंगल पैरेंट और लिव-इन पार्टनर्स किराए की कोख नहीं ले पाएंगे. हालांकि, कुछ महिला सांसदों ने मांग की कि सिंगल पैरेंट सरोगेसी के जरिए माता या पिता बन सकें, इसके लिए बिल में प्रावधान होने चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि जो कपल बच्चा पैदा करने के लिए सरोगेसी का विकल्प चुनना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए 90 दिनों के अंदर इनफर्टिलिटी का सर्टिफिकेट देना पड़ेगा. साथ ही इस बिल में ये भी ये भी कहा गया है कि उन्हीं को सरोगेसी की इजाजत मिलेगी जो बच्चे पैदा नहीं कर सकते और शादी को हुए हों कम से कम पांच साल बीत गए हों.

आसान भाषा में अगर समझा जाए तो सरोगेसी का मतलब है किसी और की कोख से अपने बच्चे को जन्म देना. अगर कोई पति-पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे हैं, तो किसी अन्य महिला की कोख को किराए पर लेकर उसके जरिए बच्चे को जन्म देना सरोगेसी कही जाती है. जिस महिला की कोख को किराए पर लिया जाता है, उसे सरोगेट मदर कहा जाता है.
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जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के 6 महीने पूरे होते ही राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. इसके तहत सभी तरह के लेजिस्लेटिव और फाइनेंशियल राइट संसद के पास होंगी. अब राज्यपाल को जम्मू-कश्मीर में किसी भी नीतिगत फैसले के लिए केंद्र की इजाजत लेनी होगी.

बता दें कि राज्य में महबूबा मुफ्ती और बीजेपी की गठबंधन सरकार थी. लेकिन इसी साल जून में बीजेपी ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया था. जिसके बाद यहां राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया.

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