राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUHS) के संगठन मेडिकल कॉलेज में रैंगिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है. रैंगिग के मामले में 11 स्टूडेंटस पर सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है. हर छात्र पर 60000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है, इतना ही नहीं इन सभी छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में हॉस्टल से भी सस्पेंड कर दिया गया है.
अब ये स्टूडेंट 6 महीने बाद जब कॉलेज जाएंगे तो उन्हें हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इन स्टूडेंट्स का सेकेंड ईयर भी खराब हाे गया. वे 6 महीने तक कॉलेज की किसी भी एक्टिविटी या सेशन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
सेकेंड ईयर सेमेस्टर के एग्जाम से भी वह दूर ही रहेंगे. इसी तरह इन दोषी छात्रों की छात्रवृत्ति-फेलोशिप को भी रोका गया है. 6 महीने बाद सभी स्टूडेंट्स के माता-पिता से एक शपथ पत्र लिया जाएगा कि भविष्य में उनके बच्चे दोबारा इस तरह का काम नहीं करेंगे. जब ही उन्हें दोबारा कॉलेज आने दिया जाएगा.
राजस्थान में रैगिंग का यह अपने तरह का पहला मामला, जिसमें प्रशासन द्वारा इतना सख्त कदम उठाया गया है.
क्या था मामला?
11 नवंबर को एंटी रैगिंग कमेटी के पोर्टल पर कॉलेज के ही एक स्टूडेंट ने 11 छात्रों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, इसमें उसने बताया कि सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स ने उसके साथ मारपीट और गाली-गलौच की. शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के लिए कमेटी बनाई.
कॉलेज प्रशासन की तरफ से गठित कमेटी की रिपोर्ट में माना गया है कि रैंगिग की घटना हुई है और शुरुआती बयानों के आधार पर इसके लिए MBBS सेकंड ईयर के 11 स्टूडेंट को दोषी माना गया है. दोषी पाए गए सभी 11 स्टूडेंट्स को 6 महीने के लिए कॉलेज से निलंबित कर दिया है. वहीं हर स्टूडेंट पर 60-60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
(इनपुट-पंकज सोनी)
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