आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि अगर देश में विपक्षी गठबंधन की सरकार बनती है तो वे वित्त मंत्री बन सकते हैं. रघुराम राजन ने सभी कयासों पर विराम लगाते हुए कहा है कि वो जहां हैं वहां खुश हैं और उनकी राजनीति में आने की बिल्कुल भी इच्छा नहीं है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रघुराम राजन ने मजाकिया लहजे में कहा कि अगर वो राजनीति में आ गए तो उनकी पारिवारिक जिंदगी ठीक से नहीं चल पाएगी. राजन ने कहा कि अगर मैं राजनीति में चला गया तो मेरी पत्नी ही मेरा साथ छोड़ देगी और मेरे साथ नहीं रहेगी.
राजनीति में आने की अटकलों पर लगाया विराम
दरअसल, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि अगर 2019 के आम चुनाव में विपक्षी गठबंधन की सरकार बनी तो राजन देश के वित्त मंत्री बन सकते हैं. राजन ने उन अटकलों के बीच कहा कि वह जहां हैं बहुत खुश हैं. उनकी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व अर्थशास्त्री राजन ने रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर अपने दूसरे टर्म के लिए मना कर दिया था.
राहुल गांधी ने 'न्याय' स्कीम के लिए ली थी सलाह
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी राजन के काम के प्रशंसक रहे हैं और उन्होंने कहा भी है कि राजन शीर्ष अर्थशास्त्रियों में से एक हैं. इतना ही नहीं उनकी पार्टी ने न्यूनतम आय योजना तैयार करते समय राजन की सलाह भी ली थी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने 'न्याय' योजना का ऐलान करते हुए दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आएगी तो इस योजना को लागू करेगी और इससे देश के सबसे ज्यादा गरीब 5 करोड़ परिवारों को सालाना 72,000 रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी.
राजन ने कहा, ‘जहां हूं, खुश हूं’
राजन फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी के बूथ स्कूल आफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं और पढ़ा रहे हैं. ये पूछे जाने पर की उन्हें सबसे अधिक क्या पसंद है, उन्होंने कहा कि मेरा प्राइमरी जॉब अकादमिक है. मुझे यह काम पसंद है और मैं इसमें काफी व्यस्त भी रहता हूं. मैंने हाल ही में एक किताब लिखी है जो काफी विवादों में है. उन्हें निराशा है कि लोग इस किताब के बौद्धिक पार्ट को नहीं समझ पाए.
अपनी नई किताब 'द थर्ड पिलर' के विमोचन पर राजन ने कहा था, ''मैं जहां हूं, बहुत खुश हूं. लेकिन अगर मेरे लायक कोई अवसर आता है तो मैं हमेशा वहां रहना चाहूंगा."
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