आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भी अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता के साथ समझौता नहीं हो सकता है. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा देना बहुत चिंता की बात है. किसी भी सरकारी कर्मचारी का इस्तीफा देना एक तरह का प्रोटेस्ट है. जिससे वो यह बताना चाहते हैं कि वो जिन परिस्तिथियों का सामना कर रहे हैं उनसे अब नहीं निपट सकते हैं. रघुराम राजन ने ईटी नाउ को यह बयान दिया.
बता दें कि इससे पहले भी पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार अगर आरबीआई पर लचीला रुख अपनाने का दबाव डाल रही हो तो केंद्रीय बैंक के पास 'ना' कहने की आजादी है. उन्होंने कहा था, केंद्र सरकार के लिए आरबीआई कार की सीट बेल्ट की तरह है और सरकार इसकी ड्राइवर की तरह, वह चाहे तो सीट बेल्ट पहने, या नहीं, हालांकि, अगर आप सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं तो एक्सीडेंट हो सकता है.
रघुराम राजन और पटेल करीबी सहयोगी
नोटबंदी से करीब 2 महीने पहले अगस्त, 2016 में उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने का ऐलान किया गया था. इससे पहले वो डिप्टी गवर्नर थे. बता दें कि वो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छात्र रहे हैं. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के करीबी सहयोगी भी माने जाते हैं.
क्या कहा पटेल ने
उर्जित पटेल ने अपने इस्तीफे पर कहा, ''निजी कारणों से मैं अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे रहा हूं. रिजर्व बैंक में कई साल से अलग-अलग पदों पर रहकर काम करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. रिजर्व बैंक के कर्मचारियों, अधिकारियों और मैनेजमेंट का जो साथ मिला, उसके लिए आभारी हूं. मैं इस मौके पर रिजर्व बैंक बोर्ड के सभी डायरेक्टर और अपने साथियों का शुक्रिया अदा करता हूं. उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं.''
बता दें कि उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. पिछले कई महीनों से सरकार और आरबीआई के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई थी. जिसके बाद अब आरबीआई गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री अरुण जेटली और पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनकी तारीफ की और उन्हें शुभकमनाएं दी हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)