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राहुल बजाज को लोगों का साथ,बोले- बंदे में सच बोलने की हिम्मत है

अमित शाह से बोले राहुल बजाज- आप लोग डर का माहौल बना रहे हैं

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस समय उद्योगपति और बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ट्रेंड कर रहे हैं. कारण? राहुल बजाज ने गृहमंत्री अमित शाह से सवाल करते हुए कहा था कि मौजूदा सरकार ने डर और अनिश्चिचतता का माहौल बना दिया है. लोगों को सवाल पूछने या सरकार की आलोचना करने की अनुमति नहीं है.

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राहुल बजाज के इस स्टेटमेंट पर उन्हें लोगों का सपोर्ट मिला है. ट्विटर पर यूजर्स #HamaraBajaj और #RahulBajaj हैशटैग के साथ अपना रिएक्शन दे रहे हैं.

जर्नलिस्ट स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, ‘राहुल बजाज रॉकस्टार हैं. नोटबंदी को गलत बताने वाले भी पहले राजीव बजाज थे.’

रोहिणी सिंह ने लिखा जब कॉरपोरेट जगत के दिग्गज यूपीए सरकार को ज्यादा नंबर दे रहे थे, राहुल बजाज ने तब भी सरकार पर सवाल उठाए थे और अब भी वह सवाल उठा रहे हैं.

अभिजीत दीपके ने लिखा, ‘जाने-माने उद्योगपति राहुल बजाज ने गोडसे के लिए बीजेपी के प्यार और साध्वी प्रज्ञा पर अमित शाह से सवाल किया. बहुत खूब सर. आपने देश और इसके लोगों के लिए बोला है.’

एक्टर स्वरा भास्कर ने भी राहुल बजाज की तारीफ करते हुए लिखा, ‘आवाज उठाने के लिए बस एक बहादुर शख्स चाहिए. आपके लिए बहुत सम्मान है मिस्टर बजाज.’

विशाल ददलानी ने लिखा कि राहुल बजाज इकलौते ऐसे बिजनेसमैन हैं जो सरकार से सच बोलने की हिम्मत रखते हैं.

आकाश बनर्जी ने लिखा, ‘राजीव बजाज पहले उद्योगपति थे जिन्होंने नोटबंदी को गलत बताया था. वैसे ही आज उनके पिता, राहुल बजाज ने अमित शाह से सीधे-सीधे सवाल पूछ लिया.’

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राहुल बजाज के बहाने कांग्रेस का सरकार पर हमला

कांग्रेस ने भी ट्विटर पर राहुल बजाज का वीडियो शेयर किया है. कांग्रेस ने लिखा, 'राहुल बजाज अपनी ईमानदारी और साहस के लिए अलग से जाने जाते हैं.'

कांग्रेस नेता और एक्टर उर्मिला मातोंडकर ने लिखा कि देश को राहुल बजाज जैसे और लोग चाहिए जो आवाज उठाना जानते हैं.

मिलिंद देवड़ा ने लिखा, ‘मैं हमेशा से एपॉलिटिकल, राष्ट्रवादी और ईमानदार राहुल बजाज को जानता हूं. कल जो उन्होंने कहा वो उससे मिलता है जो मुझे बैंकर्स और उद्योगपति कह रहे हैं- अगर बिजनेस सेंटिमेंट ठीक नहीं हुआ, तो बुरे दिन आने वाले हैं. ’

राहुल बजाज खुलकर सरकार पर अपनी बात रखते रहे हैं. इस साल की शुरूआत में कंपनी की 12 वीं एनुअल जनरल मीटिंग में उन्होंने मांग और निजी निवेश के गिरते स्तर को लेकर सरकार की आलोचना की थी.

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