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राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' मणिपुर से शुरू, कहा "हर अन्याय के खिलाफ यात्रा"

Bharat Jodo Nyay Yatra: 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू हुई ये यात्रा 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी.

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कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) की शुरुआत रविवार, 14 जनवरी को मणिपुर के थौबल से हुई. इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद रहे. राहुल की ये यात्रा 15 राज्यों के 110 जिलों से होते हुए 6700 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी. यह यात्रा 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी.

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"हम आपकी बात सुनना चाहते हैं"

यहां कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा हम सुबह 6 बजे शुरु करते थे और शाम 7 बजे तक चलते थे, अंत में हमारा शाम को 20-25 मिनट का एक भाषण होता था लेकिन 7-8 घंटे हम आपकी बात सुनते थे... यही इस यात्रा का लक्ष्य है, हम आपको अपने मन की बात नहीं बताना चाहते, हम आपकी बात सुनना चाहते हैं, आपके दर्द को समझना चाहते हैं."

"सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के खिलाफ है भारत जोड़ो न्याय यात्रा."
राहुल गांधी

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "2004 से मैं राजनीति में हूं, पहली बार मैं हिंदुस्तान के एक प्रदेश में गया जहां शासन व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी, जिसे हम मणिपुर कहते थे वह मणिपुर रहा ही नहीं. लेकिन प्रधानमंत्री आपके आंसू पोंछने, आपसे गले लगने नहीं आए."

"वोट के लिए ढोंगबाजी नहीं करनी चाहिए"

"न्याय का हक मिलने तक" के नारों के साथ राहुल की इस यात्रा का आगाज हुआ. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की इस यात्रा को बेहद अहम माना जा रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "जब पंडित नेहरू पहली बार मणिपुर आए थे तब उन्होंने इसे भारत का गहना बताया था. यही बात इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी कही थी. यह मणिपुर की वह भूमि है जो आजादी के लिए लड़ी."

"PM मोदी मणिपुर वोट के लिए आते हैं लेकिन जब मणिपुर के लोग मुसीबत में है तब वे नहीं आते. वे राम-राम करते हैं. मुंह में राम और बगल में छुरी, यह वे जनता के साथ न करें. वोट के लिए ये सब ढोंगबाजी नहीं करनी चाहिए."
मल्लिकार्जुन खड़गे

"न्याय का हक मिलने तक"

कांग्रेस ने इस यात्रा को लेकर एक नया नारा दिया है- "हम पहुंचेंगे हर घर तक, न्याय का हक, मिलने तक!"

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी हमेशा कहते आए हैं कि हम सत्तारुढ़ पार्टी से विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं. न्याय की गुहार के साथ इस यात्रा की शुरुआत हो रही है. कांग्रेस पार्टी की विचारधारा ही देश को बचा सकती है और मजबूत कर सकती है. राहुल गांधी की इस यात्रा का चुनाव से कोई सरोकार नहीं है."

वहीं कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, "इस यात्रा का उद्देश्य आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय और राजनीतिक न्याय के लिए आवाज उठाना और पिछले 10 साल के अन्याय काल के खिलाफ आवाज उठाना है. मणिपुर में हिंसा भड़कने के 8 महीने के बाद भी प्रधानमंत्री ने न तो एक शब्द बोला है और न ही उन्होंने मणिपुर का दौरा किया है. क्या प्रधानमंत्री मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानते? क्या प्रधानमंत्री भारत में मणिपुर के लोगों के योगदान का सम्मान नहीं करते? यात्रा मणिपुर के लिए न्याय का मुद्दा उठाएगी."

उन्होंने बीजेपी पर यात्रा को रोकने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है,

"बीजेपी ने मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत को रोकने की हर कोशिश की. उन्होंने इंफाल के पैलेस मैदान में होने वाली रैली के लिए अनुमति न देने समेत कई तरह की ओछी हरकतें की. लेकिन यात्रा में बाधा डालने के उनके तमाम प्रयासों के बावजूद आज रैली शुरू होने से काफी पहले ही खोंगजोम का न्याय मैदान पूरी तरह से भर गया है!"

हिंदी बेल्ट पर फोकस

इस यात्रा के जरिए कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस हिंदी बेल्ट पर है. हिंदी बेल्ट से मतलब है- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान.

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सबसे ज्यादा 11 दिन उत्तर प्रदेश में बिताएगी. यह यात्रा झारखंड से होते हुए यूपी में चंदौली में प्रवेश करेगी. वाराणसी, प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मथुरा और आगरा होते हुए राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी.

वहीं बिहार में यह यात्रा सात जिलों से गुजरेगी और 4 दिनों में 425 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. झारखंड में न्याय यात्रा 8 दिन चलेगी. जो 13 जिलों में 804 किलोमीटर की दूरी तय करेगी.

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी जाएगी. छत्तीसगढ़ में ये यात्रा 5 दिनों में 7 जिलों से होती हुई 536 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

मध्य प्रदेश में यात्रा 9 जिलों से गुजरेगी और 7 दिनों में 698 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इसके बाद राजस्थान में यात्रा मात्र 1 दिन ही रहेगी और 2 जिलों से होती हुई 128 किलोमीटर का सफर तय करेगी.

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