सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का केस चलाने की इजाजत को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की माफी मंजूर कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने केस बंद करते हुए राहुल गांधी को चेतावनी दी कि अपनी राजनीतिक दुश्मनी में कोर्ट को बीच में ना लाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेताओं को जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए. कोर्ट ने कहा, “राहुल गांधी को अपनी टिप्पणी के लिए भविष्य में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के हवाले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ वाला बयान देने के लिए राहुल पर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी.
इस मामले में दाखिल मानहानि की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही थी.
क्या है पूरा मामला?
2019 सोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राफेल डील में कथित गड़बड़ियों से जोड़ते हुए 'चौकीदार चोर है' कहा था. जिसके बाद बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी. इस याचिका में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. साथ ही याचिका में ये भी कहा गया था कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर झूठे आरोप लगाए थे.
‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान को बीजेपी ने बनाया था चुनावी मुद्दा
2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राहुल गांधी के चौकीदार चोर है वाले बयान को खूब उठाया था. प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बीजेपी के सभी मंत्री और नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे 'चौकीदार' लिख डाला था.
राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी सफाई
मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो राहुल ने भी जवाब दिया. राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है बयान देने पर खेद जताया था. सुप्रीम कोर्ट में राहुल की ओर से कहा गया, यह बयान उन्होंने उत्तेजना में दिया था, जिसका प्रतिद्वंद्वियों ने दुरुपयोग किया. उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट ने कभी नहीं कहा था कि चौकीदार चोर है. ऐसी सोच तो मेरी दूर-दूर तक नहीं थी, कोई भी अदालत ऐसा कुछ कभी नहीं कहेगी."
साथ ही उन्होंने बिना शर्त माफी मांगते हुए इस केस को बंद करने की गुहार लगाई थी. राहुल के जवाब के बाद मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने उनकी माफी का विरोध करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
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