कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौट आए हैं. राहुल गांधी आज सुबह दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस के भारत बंद में हिस्सा ले रहे हैं. राहुल गांधी सबसे पहले राजघाट गए और वहां उन्होंने कैलाश मानसरोवर झील का पानी बापू की समाधि पर चढ़ाया. देश में बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों के खिलाफ विपक्ष ने बंद बुलाया है, जिसमें कांग्रेस के साथ 21पार्टियां शामिल हो रही हैं.
सोमवार सुबह दिल्ली पहुंचने के बाद राहुल गांधी सीधे राजघाट गए. वहां पर कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद हैं. उनके साथ राहुल गांधी भी विपक्ष के प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं.
31 अगस्त को गए थे कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 31 अगस्त की रात कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए निकले थे. नेपाल के रास्ते उन्होंने मानसरोवर यात्रा पूरी की. अपनी यात्रा के दौरान भी वह लगातार ट्विटर पर एक्टिव देखे गए. हर दिन उन्होंने अपनी यात्रा और रास्ते के मनोरम माहौल के बारे में जानकारी शेयर की. यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने संस्कृत में श्लोक ट्वीट किया. “ॐ असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतम् गमय, ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:” ट्वीट किया था.
वहीं बाद में उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बाबा जिन्हें बुलाते हैं वही कैलाश आते हैं.
‘बाबा जिन्हें बुलाते हैं वही कैलाश आते हैं’
राहुल गांधी ने ट्वीट किया-
“एक इंसान तब ही कैलाश जाता है, जब उसे बुलावा आता है. मैं काफी खुश हूं कि मुझे ये मौका मिला है, जो भी मैं यहां देखूंगा वह आपके साथ साझा करने की कोशिश करूंगा.”
क्या है कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व?
कैलाश मानसरोवर यात्रा अपने धार्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है. हर साल सैकड़ों यात्री इस तीर्थ यात्रा पर जाते हैं. भगवान शिव के निवास के रूप में ये हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ यह जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है.
कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव और पार्वती का घर माना जाता है. पौराणिक कथाओं में मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत को शिव का धाम बताया गया है. कहा जाता है कि भगवान शिव यहीं वास करते हैं.
पुराणों के अनुसार, शिव का स्थायी निवास होने की वजह से इस स्थान को 12 ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है. बर्फ से ढके हुए करीब 22,028 फुट ऊंचे कैलाश पर्वत के पास के मानसरोवर को ही कैलाश मानसरोवर तीर्थ कहते हैं.
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