कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने राजनीति भविष्य को डरे हुए थे. इसलिए अपनी विचारधारा को त्याग दिया और आरएसएस के साथ चले गए.
प्रेस कान्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, “यह विचारधारा की लड़ाई है, एक तरफ कांग्रेस और दूसरी तरफ बीजेपी-आरएसएस है. मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया की विचारधारा को जानता हूं, वह कॉलेज में मेरे साथ थे, मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूं. आज वो जो कुछ भी बोल रहे हैं, वो उनके दिल की आवाज नहीं है. ”
ज्योतिरादित्य को अपने राजनैतिक भविष्य का डर लगने लगे गया था. इसलिए उन्होंने विचारधारा को जेब में रखा और आरएसएस से मिल गए. लेकिन, उनको बीजेपी में सम्मान नहीं मिलेगा.राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद
सिंधिया पर राहुल गांधी ने कहा, ‘सच्चाई ये है कि वहां पर न उनको सम्मान मिलेगा, न उनके मन में जो भावनाएं हैं उनको संतुष्टि मिलेगी. वो समझ जाएंगे.’
सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने पहली बार खुलकर प्रतिक्रया व्यक्त की है. सिंधिया उनके करीबियों में गिने जाते थे. राज्यसभा उम्मीदवारों के चयन के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, "मैं कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हूं. मैं राज्यसभा के उम्मीदवारों पर फैसला नहीं कर रहा हूं."
बता दें, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल पहुंचे हैं. यहां बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सिंधिया को जोरदार स्वागत किया. तय कार्यक्रम के मुताबिक, सिंधिया मध्य प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर गए हैं. सिंधिया इस दौरान राज्यसभा के लिए नामांकन भरेंगे. सिंधिया के स्वागत में जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं.
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