रेलवे बोर्ड ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर बताया है कि, रेलवे ओरिजनेटिंग राज्य की मांग के हिसाब से ट्रेन चलाया जा रहा है और धीरे-धीरे ऐसा लग रहा है कि, जिस राज्य से ट्रेनों को चलाया जा रहा है वहां की मांग कम होने लगी है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, 28मई तक 3,840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चली हैं, करीब 52लाख यात्री जा चुके हैं. वहीं, उन्होंने ट्रेनों के भटकने की खबरों को गलत बताया है.
चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, पिछले एक हफ्ते में हमने प्रतिदिन करीब 3 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया. उन्होंने कहा,
24 मई को हमने सब राज्य सरकारों से उनकी ट्रेनों की जरूरत ली थी, ये करीब 923 ट्रेनों की थी. गुरुवार को हमने फिर राज्य सरकारों से बात करके उनकी ट्रेनों की जरूरत ली, आज केवल 449 ट्रेनों की जरूरत है.
ट्रेन भटकी नहीं थी डायवर्ट की गईं
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि, पिछले दिनों ट्रेन भटकने की खबर आई. लेकिन ये भटकी नहीं थी बल्कि डायवर्ट की गई थी. उन्होंने बताया, 1 से 19 मई और 25 से 28 मई के बीच किसी भी ट्रेन को डायवर्ट नहीं किया गया. लेकिन 20 से 24 मई के बीच राज्यों की मांग अधिक होने के कारण कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया. 90 प्रतिशत ट्रेन केवल यूपी बिहार के लिए चलाई गई इससे नेटवर्क कंजेस्टेड हो गया.
‘अब तक कुल 3,840 ट्रेन चली, जिसमें से 71 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया. ये 20 से 24 मई के बीच हुई, जिससे सभी राज्यों की जरूरते पूरी हो सकें.’विनोद कुमार यादव, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष
'रेलवे ने कराई 30 से अधिक डिलीवरी'
मेडिकल सुविधाओं को लेकर रेलवे की ओर से कहा गया कि, कुछ गर्भवती महिलाओं ने ट्रेन की यात्रा के दौरान मांगा था. भारतीय रेलवे ने अपने डॉक्टर भेजकर ट्रेन में 30 से अधिक डिलीवरी कराई हैं. भारतीय रेलवे के डॉक्टर और नर्स 24 घंटे काम कर रहे हैं, जहां जरूरत हैं वहां पहुंच रहे हैं. जरूरत के हिसाब से लोगों को अस्पताल और घर में शिफ्ट किया गया.
वहीं, मौत के आंकड़ों को लेकर रेलवे ने कहा कि, ऐसी खबरें आई थी कि कुछ लोगों की भूख से मौत हुई है, लेकिन ये सही नहीं है. इस मामले में जांच की जा रही है कि मौत किस वजह से हुई. पूरी जांच के बाद मौत का आंकड़ा दिया जा सकता है.
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