भारतीय रेलवे की तरफ के कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनों का किराया बढ़ा दिया गया है. इसे लेकर पहले कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई, लेकिन जब लोगों ने सवाल उठाना शुरू किया तो रेलवे की तरफ से अब जवाब सामने आया है. रेलवे ने अपनी सफाई में कहा है कि किराया सिर्फ कोरोना महामारी को देखते हुए अनावश्यक भीड़ कम करने के लिए बढ़ाया गया है.
अचानक किराया बढ़ने से लोगों ने की शिकायत
कोरोना वायरस महामारी के बाद कई महीने तक बंद पड़ी ट्रेनों को धीरे-धीरे अब पटरी पर उतारा जा रहा है. अब तक ट्रेनों का पूरा संचालन नहीं हो रहा है. सभी रूट्स पर स्पेशल ट्रेन की सुविधा शुरू की गई. लंबे रूट्स पर तो काफी पहले से ही ट्रेन चलनी शुरू हो चुकी थीं, लेकिन अब कम दूरी की ट्रेनों को भी चलाया जा रहा है.
अब कम दूरी की ट्रेनों का फिर से चलना कई लोगों के लिए राहत की खबर थी. क्योंकि दिल्ली-एनसीआर और बाकी शहरों में भी लोग ऑफिस जाने के लिए इनका ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. लेकिन अचानक किराया दोगुना हो जाने से लोग शिकायत करने लगे. क्योंकि रेलवे की तरफ से बिना जानकारी दिए ही किराया चुपके से बढ़ा दिया गया.
इसका एक उदाहरण है कि, अमृतसर से पठानकोट जाने के लिए जहां लोगों को पहले 25 रुपये का टिकट लेना होता था, वहीं अब इसे बढ़ाकर 55 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह जालंधर से फिरोजपुर का किराया 30 रुपये से 60 रुपये कर दिया गया है. यानी दोगुने से भी ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है.
गरीबों की जेब पर किराया पड़ेगा भारी
इसी तरह बाकी जगहों से भी लोग किराया बढ़ने की शिकायतें कर रहे हैं. इस कोरोना महामारी के बाद जहां लोगों की जेब में पैसा नहीं है और ज्यादातर लोगों को आधी सैलरी मिल रही है, वहीं रेलवे का किराया दोगुना कर देना लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है. इसीलिए लोग बिना बताए बढ़ाए गए इस किराए का विरोध कर रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले उन लोगों पर होगा, जो छोटी दूरी तक जाने के लिए ट्रेन का सफर करते हैं. क्योंकि इसमें किराया कम लगता है. फिलहाल देखना होगा कि रेलवे कब तक इस बढ़े हुए किराए को लोगों से वूसलती है.
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