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ट्रेन का सफर होगा ज्यादा सुरक्षित, रेलवे अब लेगा ड्रोन की मदद

29 सितंबर को मुंबई में एल्फिंस्टन रेलवे स्टेशन पर एक पुल के ध्वस्त होने के बाद रेलवे का ये कदम काफी अहमियत रखता है.

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भारतीय रेलवे अब अपने कई जोन में भीड़ को संभालने और दूसरी परियोजनाओं के रख-रखाव के लिए ड्रोन की मदद लेगा. अधिकारियों के मुताबिक, पश्चिम मध्य रेलवे ऐसे ड्रोन कैमरे हासिल करने वाला पहला जोन है. पिछले साल 29 सितंबर को मुंबई में एल्फिंस्टन रेलवे स्टेशन पर एक पुल के ध्वस्त होने के बाद रेलवे का ये कदम काफी अहमियत रखता है. उस हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी.

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इंफ्रास्ट्रक्चर के रख-रखाव के लिए ड्रोन

रेलवे ने एक बयान में कहा है कि रेलवे की कई गतिविधियों, खासकर परियोजनाओं की निगरानी और पटरियों साथ ही रेलवे की दूसरी आधारभूत संरचनाओं के रख-रखाव के लिए कैमरे का इस्तेमाल होगा. इसमें कहा गया है, जोनल रेलवे को ऐसे कैमरों की खरीद के लिए निर्देश दिए गए हैं. ये ट्रेनों को सही ढ़ंग से चलाने के लिए सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने में फायदेमंद साबित होंगे.

पश्चिम मध्य रेलवे पहला जोन

पश्चिम मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय जबलपुर में है. पश्चिम मध्य रेलवे ड्रोन कैमरे खरीदने वाला पहला जोन है. जोन ने पिछले हफ्ते अपने तीनों डिविजनों में इसका प्रैक्टिकल टेस्ट भी किया.बयान में कहा गया है

  • कई परियोजनाओं के अलावा राहत और बचाव अभियानों
  • महत्वपूर्ण कार्यों की देखरेख
  • पटरियों की स्थिति की निगरानी के लिए यूएवी (मानव रहित विमान) या ड्रोन तैनात किए जाएंगे.

इसका इस्तेमाल नॉन इंटरलॉकिंग कार्यों, त्योहार के दौरान भीड़ को संभालने, कबाड़ (स्क्रैप) की पहचान और स्टेशन यार्ड के हवाई सर्वेक्षण में भी होगा. पटरियों की सुरक्षा और रख-रखाव से जुड़ी योजनाओं में भी किया जाएगा.

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