कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने अपनी कई तरह की ट्रेनों को चलाने का फैसला किया. सबसे पहले प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाईं गईं, जो अब तक कई राज्यों में चल रहीं हैं. लेकिन कुछ खबरें ऐसी भी सामने आईं थीं, जिनमें ट्रेनों के भटकने की खबर सामने आई थी. इस मामले को लेकर अब खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया है. उन्होंने ऐसी सभी खबरों को बेबुनियाद और झूठा करार दिया है.
9 दिन बाद नहीं पहुंची कोई ट्रेन
रेलमंत्री गोयल ने ट्रेनों के देरी से पहुंचने को लेकर कहा, कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि ट्रेन 7 से लेकर 9 दिन बाद पहुंच रही हैं, लेकिन ऐसी सभी खबरें बेबुनियाद और झूठी हैं. ये रेलवे के उन कर्मचारियों की मेहनत को बेकार बताने की एक कोशिश है, जो दिन रात बिना सोए मजूदरों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. गोयल ने ट्रेनों को लेकर जानकारी देते हुए कहा,
“सोमवार तक भारतीय रेलवे की तरफ से कुल 3265 ट्रेनें भेजी गईं. 23 मार्च तक लगभग सभी ट्रेन अपनी मंजिल तक पहुंच गईं थीं. एक दो ट्रेन ऐसी थी जिन्हें लंबी दूरी तय करनी थी वो अब भी चल रही हैं. 24 मई को हमने जो 238 ट्रेनें भेजीं थीं, वो सभी आज रात तक पहुंच जाएंगी.”रेलमंत्री पीयूष गोयल
महाराष्ट्र सरकार में मतभेद
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र सरकार पर भी एक बार फिर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जानबूझकर हमें नहीं बता रही है कि कौन सी ट्रेन को बाद में भेजना है, किसे कैंसिल करना है या फिर किस ट्रेन का वक्त बदलना है. महाराष्ट्र भेजी गईं करीब 50 ट्रेनों को यूं ही खड़ा रखा गया है. गोयल ने राहुल गांधी के उस बयान को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में फैसले हम नहीं लेते हैं. गोयल ने कहा,
महाराष्ट्र सरकार की नाकामी को उनकी ही सहयोगी पार्टियां बता रही हैं. ये वक्त उनके आपसी मतभेद को सुलझाने का है. फिर चारे वो शिवसेना हो, एनसीपी हो या फिर कांग्रेस हो ये सभी सरकार में पार्टनर हैं. उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी और मजदूरों को केंद्र की भेजी गई ट्रेनों में वापस भेजना होगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)