उत्तर प्रदेश के कुंडा से निर्दलीय विधायक के रूप में 25 सालों से राजनीतिक पारी खेल रहे पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शुक्रवार को अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया. राजा भैया के मुताबिक पार्टी के 80 फीसदी समर्थक चाहते थे कि नई पार्टी का ऐलान हो इसलिए उन्होंने ये बड़ा कदम उठाया है. पार्टी का नाम क्या होगा, इसे लेकर अभी तक चर्चा जारी है.
राजा भैया 30 नवंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में रैली अयोजित करेंगे. बता दें कि 30 नवंबर को राजा भैया के राजनीति में 25 साल पूरे हो रहे हैं. इस रैली में अपने समर्थकों के बीच ही वो अपनी पार्टी के गठन करेंगे. एससी/एसटी एक्ट का विरोध और प्रमोशन में आरक्षण का विरोध राजा भैया की पार्टी का मुख्य मुद्दा होगा.
बसपा से राजा भैया का विरोध जगजाहिर है. ऐसे में यूपी की राजनीति में वो सवर्ण वोटों को कैश करने की कोशिश में हैं. प्रमोशन में आरक्षण और एससी/एसटी एक्ट के विरोध में खड़े होकर वो सूबे की सवर्ण जातियों को अपनी ओर मोड़ना चाहते हैं.
राजा भैया का प्रतापगढ़ और इलाहाबाद जैसे इलाकों में अच्छा खासा प्रभाव है. उनकी छवि एक बाहुबली और राजपूत नेता के तौर पर है.
लोकसभा चुनाव में उतार सकते हैं कैंडिडेट
माना जा रहा है कि राजा भैया लोकसभा चुनाव 2019 में अपने उम्मीदवार खड़े कर सकते हैं. रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने 26 साल की उम्र में 1993 में पहली बार कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. इसके बाद से वे लगातार इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करते आ रहे हैं. वैसे तो वो सिर्फ एक सीट से ही चुनाव लड़ते हैं लेकिन आसपास की 24 सीटों पर उनकी दखल है. ऐसे में उनके अलग पार्टी बनाने के फैसले के यूपी की राजनीति में बड़े मायने हैं.
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