छै बार के निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जनसत्ता पार्टी लॉन्च कर दी है जिसका मुख्य एजेंडा दलित विरोध होगा. राजा भैया के मुताबिक जाति के आधार पर मुआवजा की रीति बंद होनी चाहिए.
राजा भैया की 'जनसत्ता पार्टी' की पहली रैली लखनऊ के रमाबाई पार्क में हुई जिसमें राज्य के 4 जिलों से बड़ी तादाद में लोग पहुंचे. लोगों को लखनऊ लाने के लिए राजा भैया की तरफ से एक ट्रेन भी बुक की गई थी.
इस रैली के लिए लोग प्रतापगढ़, इलाहाबाद, सुल्तानपुर और जौनपुर से आए हैं. इस रैली की अच्छी ख़ासी तैयारी की गयी थी. समर्थकों के लिए टीशर्ट और मास्क भी लाए गए हैं.
राजा भैया की अपनी खास दलील दी कि कई बार हत्या के हमले और बलात्कार के शिकार पिछले वर्ग के लोगों को ज्यादा मुआवजा दिया जाता है, इसे तुरंत बंद होना चाहिए. हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.
रघुराज प्रताप की नई पार्टी
नई पार्टी बनाने से पहले उत्तर प्रदेश में रघुराज प्रताप सिंह करीब करीब हर पार्टी को अपना समर्थन दे चुके हैं लेकिन ज्यादातर वक्त निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं.
रघुराज प्रताप ने राजनीति में 25 साल पूरे कर लिए हैं. समाजवादी पार्टी और पिछली बीजेपी सरकारों में वो मंत्री भी रह चुके हैं. वो कई महीनों से एससी-एसटी एक्ट का विरोध कर रहे हैं. अब तक वो प्रतापगढ़ जिले में ही रहे हैं और वहां की कुंडा सीट से विधायक हैं. लेकिन अब उन्होंने राज्य में सवर्णों को एकजुट करने के लिए पार्टी बनाई है.
एंटी दलित राजनीति करेंगे राजा भैया
राजा भैया खुलकर एंटी दलित राजनीति करते नजर आए हैं. एससी/एसटी एक्ट के विरुद्ध मुखर होकर बोलते नजर आते हैं. उन्होंने एससी/एसटी एक्ट निंदा की और कहा कि लोग इसके प्रावधानों से असहज हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या वो किसी राजनीतिक दल से गठजोड़ करेंगे, इसके जवाब में राजा भैया ने कहा कि वह अभी किसी राजनीतिक समूह से तालमेल के मूड में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वह उपयुक्त समय पर फैसला लेंगे.
यूपी सरकार में कई बार रह चुके हैं मंत्री
राजा भैया भाजपा शासन में कल्याण सिंह की सरकार में पहली बार मंत्री बने थे. उसके बाद वो राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के कार्यकाल में मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे हैं. यानी सरकार किसी की हो वो सत्ता में बने रहते हैं.
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