राजस्थान में 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गुरुवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक होने वाली है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायक विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. लेकिन खास बात ये है कि सचिन पायलट गुट के साथ सुलह की खबरों के बाद भी बैठक में पायलट और उनके साथियों को न्योता नहीं दिया गया है.
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने 14 अगस्त को विधानसभा सत्र बुलाने को मंजूरी दी थी. गहलोत सरकार लगातार राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रही थी. जिसे लेकर राज्यपाल ने सरकार के सामने कई शर्तें रखीं थी.
10 अगस्त को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मुलाकात में पायलट की करीब दो घंटे तक चर्चा हुई, जिसके बाद सचिन पायलट के तेवर कुछ नरम हुए.
राजस्थान में हालिया सियासी घमासान तब तेज हुआ था, जब राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों के संबंध में 10 जुलाई को एक मामला दर्ज कर नेताओं को नोटिस भेजे थे.
12 जुलाई को सचिन पायलट ने गहलोत के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया, जब उन्होंने दावा किया कि कि 30 से ज्यादा कांग्रेसी और कुछ निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं, गहलोत सरकार अल्पमत में है. हालांकि, बाद में विधायकों की संख्या को लेकर उनका दावा सही साबित होता नहीं दिखा.
सचिन पायलट और उनके सहयोगी विधायकों ने 13 जुलाई को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया. उसी रात पायलट खेमे की तरफ से एक वीडियो भी जारी किया गया. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, इस वीडियो में पायलट खेमे के विधायक हरियाणा के मानेसर स्थित एक रिजॉर्ट में रणनीति बनाते दिख रहे थे.
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