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सलाखों के पीछे ही रहेगा आसाराम, परोल याचिका हुई खारिज  

आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को खुली हवा में सांस लेने की इजाजत नहीं मिल पाई है.

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यौन शोषण मामले में जोधपुर की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को खुली हवा में सांस लेने की इजाजत नहीं मिल पाई है. आसाराम ने परोल के लिए याचिका लगाई थी, लेकिन उनकी इस याचिका को राजस्थान हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने आसाराम को परोल देने से साफ इनकार कर दिया.

आसाराम को परोल न देने के फैसले के बाद उनके वकीलों को दोबारा जिला परोल कमेटी के सामने आवेदन करने की छूट दी गई है. वकील एक बार फिर परोल की मांग कर सकते हैं. 
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20 दिन की मांगी थी परोल

आसाराम ने राजस्थान हाईकोर्ट से 20 दिनों के लिए खुली हवा में सांस लेने की इजाजत मांगी थी. जानकारी के मुताबिक उनके भांजे ने कोर्ट में उनके लिए परोल याचिका दायर की थी. जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई.

बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि अगर उन्हें परोल दी जाती है तो वे कहां रहेंगे. इस पर जवाब देते हुए आसाराम के पक्ष की तरफ से कहा गया कि अगर परोल मंजूर हो जाती है तो वो निवाई थाना क्षेत्र के टोंक बाईपास स्थित आसाराम आश्रम में रहेंगे. हालांकि उनके इस सपने पर कोर्ट ने एक बार फिर पानी फेर दिया.

इससे पहले भी हुई अर्जी खारिज

इससे पहले आसाराम की रिहाई के लिए जिला परोल कमेटी में एक अर्जी दाखिल की गई थी. यहां भी उनके लिए 20 दिन की परोल की मांग की गई थी. लेकिन जिला परोल कमेटी ने उनकी इस अर्जी को खारिज कर दिया था. जिसके बाद आसाराम की तरफ से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. लेकिन यहां से भी आसाराम की आजादी को मंजूरी नहीं मिली. हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खण्डपीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया.

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