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राजस्थान आमागढ़ फोर्ट: मीणा समुदाय और हिंदूवादी संगठन क्यों आमने-सामने?

आमागढ़ किले से एक झंडा उतारने को लेकर क्यों मचा है हंगामा, क्यों दर्ज हो रहे ताबड़तोड़ केस

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राजस्थान की राजधानी जयपुर के नजदीक गलता में आमागढ़ किले से भगवा झंडा हटाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आदिवासी मीणा समाज (Meena community) और हिंदुवादी संघठन आमने-सामने हैं. इसी बीच राजस्थान से बीजेपी सांसद डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा ने आमागढ़ (Amagarh Fort) किले पहुंच कर मीणा समाज का झंडा फहराया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. किरोड़ीलाल मीणा का दावा है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

लेकिन सवाल है कि क्यों इस मुद्दे पर बीजेपी बनाम कांग्रेस हो रहा है और आखिर ऐसा क्या हुआ जो मीणा समाज और हिंदुवादी संघठन आमने-सामने हैं.

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, आमागाढ़ जिसे आंबागढ़ भी कहते हैं उसका सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. वायरल वीडियो में कुछ लोग आमागढ़ किले के ऊपर लगे एक भगवा झंडे के डंडे को तोड़ते दिख रहे हैं, बाद में डंडे के साथ ही झंडा फटकर नीचे गिर जाता है. इस वीडियो को राजस्थान बीजेपी के नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया. साथ में लिखा,

“जयपुर के गलता तीर्थ स्थित आमागढ़ की पहाड़ी पर सत्ताधारी कांग्रेस समर्थित विधायक की मौजूदगी में “श्रीराम “ लिखा पवित्र भगवा ध्वज पोल से उतार कर फाड़ दिया. कहां हो फर्जी जनेऊधारी?”

इसके बाद विवाद बढ़ गया. दरअसल, वीडियो में राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष और गंगापुर सिटी से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा भी दिख रहे हैं. रामकेश मीणा पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को झंडा उतारने के लिए उकसाया.

दरअसल, रामकेश मीणा ने आमागढ़ किले को ‘मीणाओं का किला’ कहते हुए कहा किले पर दूसरा झंडा लगाना, मीणा समाज की ऐतिहासिक धरोहर पर कब्जा करने की कोशिश है. उन्होंने कहा,

असामाजिक तत्वों ने किले पर झंडा फहराया और मीना समाज के इतिहास से छेड़छाड़ की. झंडे को हटाया गया है. ऐसी घिनौनी हरकत दोबारा ना हो इसके लिए सूरजपोल इकाई को जिम्मेदारी सौंपी गई है. आंबागढ़ किले पर राजस्थान के मीणाओं का शासन रहा है. यहां पर प्राचीन आंबा माता का मंदिर है.’

इस मामले पर मीणा समुदाय और हिंदू संगठनों ने एक-दूसरे पर आईपीसी धारा 295 और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है.

मीणा समाज और आमागढ़ किला का रिश्ता

दरअसल, मीणा समाज का एक वर्ग खुद को हिंदू नहीं मानता है और खुद को आदिवासी के रूप में पहचानता है. मीणा समुदाय आमागढ़ किले को अपने पवित्र स्थलों में से एक मानता है और कहता है कि इसे जयपुर के राजपूतों के शासन से पहले एक मीणा शासक द्वारा बनाया गया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किले का निर्माण नाला गोटा के एक मीणा सरदार ने किया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जयपुर में राजपूत शासन से पहले, मीणा समुदाय ने आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया और राजनीतिक नियंत्रण रखा. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, इतिहासकार रीमा हूजा कहती हैं कि इस क्षेत्र में मीणा समुदाय का इतिहास काफी हद तक मौखिक है. यहां पर अंबा माता का प्राचीन मंदिर भी है.

बीजेपी की नाराजगी

किरोड़ीलाल मीणा की कथित गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कांग्रेस पर हमला बोला है. वसुंधरा ने कहा,

आमागढ़ किले के मामले में धर्म के नाम पर राजनीति कर रही कांग्रेस को करारा जवाब देने वाले डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा की गिरफ्तारी निंदनीय है. उऩ्हें तुरंत रिहा किया जाए.

वहीं कांग्रेस के बड़े नेता इस मामले पर चर्चा नहीं कर रहे हैं.

सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके पर FIR

सुदर्शन टीवी (Sudarshan TV) के संपादक सुरेश चव्हाणके (Suresh Chavhanke) ने मीणा समाज को लेकर अपशब्द कहा था. इसी को देखते हुए पुलिस ने सुरेश चव्हाणके के खिलाफ आदिवासियों और मीणा समुदायों की भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है.

आमागढ़ विवाद पर सुरेश चव्हाणके ने अपने चैनल के एक कार्यक्रम में राजस्थान की “मीणा जनजाति” के बारे में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. साथ ही चव्हाणके ने ट्विटर पर कहा कि वह एक अगस्त को आमागढ़ जाएंगे, भगवा झंडा फहराएंगे और इसे अपने चैनल पर प्रसारित करेंगे.

एफआईआर में कहा गया है कि चव्हाणके और दूसरे लोग एक साजिश के तहत धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते हैं और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना चाहते हैं.

मीणा समाज का राजस्थान की राजनीति में कितना दखल

राजस्थान में अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी करीब 13 प्रतिशत है और मीणा समाज अनुसूचित जनजाति वर्ग में आता है. अनुसूचित जनजाति की 13 फीसदी आबादी में से करीब 8 फीसदी मीणा जाति के लोग हैं. वहीं चुनाव के हिसाब से देखें तो अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 25 विधानसभा सीटों पर मीणा समाज की पकड़ है. बीजेपी से लेकर कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में मीणा समाज से आए विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस कोई भी इस समाज को नाराज करने की कोशिश नहीं करेगी.

इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि बीजेपी नेता भगवा झंडा के हटाए जाने पर नाराज थे और दोबारा झंडा़ लगाने की बात कह रहे थे लेकिन जब बीजेपी सासंद किरोड़ीलाल मीणा आमागढ़ पहुंचे तो उन्होंने भगवा झंडा नहीं बल्कि मीणा समाज का सफेद झंडा लगाया.

हालांकि शहर में अलग-अलग जगह सासंद किरोड़ीलाल मीणा के होर्डिंग लगाए गए हैं, जिसपर लिखा है- यह अटल सत्य है आदिवासी मीणा हिंदू थे, हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे.

मतलब हिंदू वोटर भी नाराज न हो और मीणा समाज भी बीजेपी से किनारा न करे.

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