केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) झांसी में 'राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व' में हथियारों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने पहुंचे. यहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारतीय सुरक्षा बलों में महिलाओं का योगदान बढ़ रहा है. साथ ही रक्षामंत्री ने महिलाओं को सेना में फुल कमीशन का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि अब स्थिति तेजी से बदल रही है, दुर्भाग्य से स्वतंत्रता के बाद महिलाओं को राष्ट्र की रक्षा में बहुत सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर नहीं मिला था.
"महिला सशक्तिकरण का इससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता"
सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि, महिलाएं लंबे समय से इसकी मांग कर रही थीं और अब जाकर योग्यता के आधार पर योग्य महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का फैसला किया गया है.
उन्होंने कहा, “सशस्त्र बलों में सभी बंद दरवाजे भी महिलाओं के लिए खोले जा रहे हैं. हमने सशस्त्र बलों के तीनों अंगों में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाया है. सैनिक स्कूलों में लड़कियों का दाखिला हो रहा है, एनडीए के पोर्टल भी महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं."
आगे उन्होंने कहा कि "महिला सशक्तिकरण का इससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता".
राजनाथ सिंह ने राज्य पुलिस में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर कहा कि, "जब वो गृहमंत्री थे, तो उन्होंने सभी राज्यों को एक सलाह जारी की थी कि उन सभी को पुलिस अधिकारियों में भी कम से कम 33 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास करना चाहिए."
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, "मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि कई राज्यों में पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है".
दरअसल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के मामले में अवमानना का केस चलाने की चेतावनी दी गई थी. जिसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि स्थायी कमीशन के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालीं 11 महिला सेना अधिकारियों को 10 दिनों के भीतर स्थायी कमीशन दिया जाएगा.
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