राज्यसभा ने रियल एस्टेट बिल पास कर दिया है. इस विधेयक के कानून का रूप लेने बाद बिल्डर प्रोजेक्ट्स में घर खरीदने वालों को राहत मिलने की उम्मीद है.
समझा जा रहा है कि रियल एस्टेट पर नया कानून आने के बाद घर खरीदने वालों से धोखाधड़ी करना बिल्डरों के लिए आसान नहीं रह जाएगा.
राज्यसभा में इस बिल को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि इसका मकसद खरीददारों के हितों की रक्षा करना और इस क्षेत्र में पारदर्शिता लाना है.
नायडू ने कहा कि इसके जरिए आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं का नियमन होगा. साथ ही ऐसी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और उन्हें सौंपने में भी मदद मिलेगी. नायडू ने कहा,
रियल एस्टेट कृषि के बाद रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है. इसका जीडीपी में करीब 9 प्रतिशत योगदान है. इस क्षेत्र में पारदर्शिता के अभाव में आए दिन परियोजनाओं की लागत और समय में वृद्धि होती थी, जबकि उपभोक्ताओं के हितों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
हर साल 10 लाख लोग खरीदते हैं मकान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस उद्योग के मुताबिक, हर साल करीब 10 लाख लोग मकान खरीदते हैं और हर साल करीब 3.50 लाख करोड रुपए का निवेश होता है.
गौरतलब है कि देश में लंबे वक्त इस तरह का कानून लाने की मांग की जा रही थी, जिससे रियल एस्टेट में पारदर्शिता आए और लोग भरोसे के साथ अपने घर के लिए जमा पूंजी कहीं लगा सकें.
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