संसद में कई सालों से चली आ रही परंपरा को दरकिनार कर ने मार्शलों की वर्दी बदल दी गई है. लेकिन अब सभापति ने इसकी समीक्षा के आदेश दे दिए हैं. मार्शल के इस नए ड्रेस कोड पर काफी हंगामा भी हुआ. पूर्व आर्मी चीफ सहित कई अन्य लोगों ने सवाल खड़े कर दिए. अब खबर है कि राज्यसभा इसपर विचार करने को तैयार है.
मार्शल ड्रेस कोड पर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि कई सुझावों के बाद ड्रेस बदलने का फैसला लिया गया था. लेकिन हमें कुछ लोगों की शिकायत भी मिली है. जिनमें कुछ राजनेता शामिल हैं और कुछ जाने-माने लोग भी हैं. इसीलिए इस पर दोबारा विचार करने के लिए कहा गया है.
क्यों हुआ था विवाद?
राज्यसभा में सभापति को फाइल देने और अन्य सहायता के लिए मार्शल होते हैं. अभी तक लोगों ने उन्हें सफेद रंग की ड्रेस और पगड़ी पहने देखा था. लेकिन शीतकालीन सत्र के पहले दिन कुछ नया देखने को मिला. इन मार्शलों के सिर पर पगड़ी की बजाय गहरे हरे रंग (ऑलिव ग्रीन) की ‘‘पी-कैप’’ थी. साथ ही उन्होंने गहरे हरे रंग (ऑलिव ग्रीन) की सैन्य अफसरों जैसी वर्दी पहन रखी थी. यह वर्दी किसी सेना के अफसर से मेल खाती है.
सेना के अधिकारियों ने ही उठाए सवाल
सदन की कार्यवाही के कुछ ही देर बाद इस वर्दी पर विवाद शुरू हो गया. पूर्व आर्मी चीफ वेद प्रकाश मालिक ने इस पर आपत्ति जताई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "गैर- सैन्य कर्मियों द्वारा सैन्य वर्दी पहनना और उसकी नकल करना गैरकानूनी है और सुरक्षा के लिए खतरा है. मैं उम्मीद करता हूं कि इस पर जल्द कार्रवाई होगी."
पूर्व आर्मी चीफ ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ट्विटर पर टैग करते हुए उनसे इस मामले में एक्शन लेने की मांग की थी. पूर्व आर्मी चीफ के बाद सेना के कई अधिकारियों ने इसे लेकर ट्वीट किए और इसका विरोध किया. कई कर्नल और जनरल रैंक के अधिकारियों ने इसे लेकर बयान दिए.
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