दिल्ली (Delhi) के चारों ओर किसान (Farmer) केंद्र सरकार (Central Government) के तीन नए कृषि कानूनों (Three new farming laws) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन (Farmer Protest) एक साल होने को जा रहा है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है. इस स्थिति पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का बयान आया है.
राकेश टिकैत ने क्या कहा?
राकेश टिकैत ने कहा कि,
इस आंदोलन में अब तक करीब 750 किसान मारे गए लेकिन भारत सरकार की ओर से कोई शोक व्यक्त नहीं किया गया. देश के किसानों को लगता है कि पीएम मोदी किसानों के पीएम नहीं हैं. वो किसानों को देश से अलग समझते हैं.राकेश टिकैत, किसान नेता
करीब एक साल से चल रहा आंदोलन
किसान आंदोलन 25 नवंबर 2021 से शुरू हुआ था. तब से लेकर अब तक बरसात, गर्मी, सर्दी सब किसान देख चुके हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है. किसान मुख्य रूप से सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. जिसके लेकर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि, प्रदर्शन करना किसानों का हक है लेकिन आप रास्ता नहीं रोक सकते.
इसके बाद किसानों ने कहा था कि हमने रास्ता नहीं रोक रखा, ये तो पुलिस ने रोका है और फिर बॉर्डर पर कुछ हद तक रास्ते खोल दिये गये थे.
कई दौर की बातचीत के बाद भी नहीं निकला हल
पिछले साल नवंबर में जब किसान दिल्ली के चारों और बैठ गए तो सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन बात नहीं बनी. किसानों का कहना था कि हम कानून पूरी तरह से वापिस करवाना चाहते हैं और सरकार इस पर राजी नहीं थी. इसके बाद से लेकर अब तक किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
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