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नए कृषि कानून वापस नहीं हुए तो अब करेंगे संसद मार्च: राकेश टिकैत

26 जनवरी की हिंसा को टिकैत ने बताया किसानों को बदनाम करने की साजिश

Published
भारत
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती तो प्रदर्शनकारी किसान संसद मार्च करेंगे.

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23 फरवरी को राजस्थान के सीकर में एक किसान रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत ने कहा, ‘’हमारा अगला आह्वान संसद मार्च के लिए होगा. अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे तो इस बार 4 लाख ट्रैक्टर नहीं बल्कि 40 लाख ट्रैक्टर वहां जाएंगे.’’

टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त मोर्चा संसद का घेराव करने की तारीख तय करेगा, और इस बार, विरोध प्रदर्शन में, किसान इंडिया गेट के पास पार्कों की जुताई करेंगे और वहां फसलें उगाएंगे.

इसके अलावा, यह कहते हुए कि 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में भड़की हिंसा, देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश थी, टिकैत ने कहा, ''देश के किसान तिरंगे से प्यार करते हैं, लेकिन इस देश के नेताओं से नहीं.''

टिकैत ने शोध केंद्रों को लेकर कहा है, ‘’सरकार शोध केंद्रों की बात नहीं मानती है इसलिए आने वाले समय में संसद के पास पार्क में कृषि अनुसंधान केंद्र बनाना पड़ेगा. संसदीय समिति बनाएं और वहां कुछ फसलों की खेती करवाएं. जो लाभ-हानि हो समिति देखे और उस आधार पर फसलों के दाम तय करें.’’

बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद के लिए कानूनी गारंटी की भी मांग कर रहे हैं.

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