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रक्षा बंधन:कोरोना से बहन की रक्षा के लिए लेना होगा नया संकल्प

रक्षा बंधन के दिन और राखी के बाद कोरोना वायरस से बचने और परिवार को बचाने के लिए ये सब करना होगा

Updated
भारत
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भारत में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते केसों के बीच आज पूरा देश रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार मना रहा है. कोरोना वायरस महामारी के बीच पड़ने वाला ये पहला बड़ा त्योहार है. ऐसे में जरूरी है कि त्योहार के दौरान भी कोरोना वायरस से बचान की सभी सावधानियां बरतीं जाएं. रक्षा बंधन के त्योहार के दिन यूं तो भाई अपनी बहनों की रक्षा का प्रण लेते हैं, लेकिन इस बार भाइयों के कंधे पर ये जिम्मेदारी बढ़ गई है. और सिर्फ भाइयों ही नहीं, बल्कि सभी युवाओं के कंधों पर परिवार और समाज को कोरोना वायरस से बचाने की जिम्मेदारी है.

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महामारी के इन बीते कुछ महीनों में देखा गया है कि युवा बाहर तो निकल ही रहे हैं, लेकिन इसके साथ सावधानी बरतने में लापरवाही कर रहे हैं. कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बडे़-बुजुर्गों को है. दुनियाभर के डॉक्टर्स युवाओं से सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना समेत सभी सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई युवा संक्रमित होता है, तो भले ही वो ठीक हो जाए, लेकिन वो दूसरों में संक्रमण फैला सकता है. जिन युवाओं में बीमारी के लक्षण नहीं हैं, उनसे खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है.

कोरोना वायरस के कारण हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है, लेकिन राखी बांधने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में आना होगा. इसलिए त्योहार में लोग कुछ बातों का खास खयाल रखें.

  • राखी बांधने से पहले भाई-बहन हाथ को साबुन से अच्छे से धो लें.
  • राखी और बाकी सामान को अच्छे से सैनेटाइज कर लें.
  • बाहर की मिठाई से बचें. हो सके तो घर पर ही मीठा बनाएं
  • राखी बांधते समय मास्क पहनें.
  • एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर त्योहार मनाएं.

WHO की चेतावनी को न करें नजरअंदाज

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) कई बार युवाओं पर कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर चेतावनी दे चुका है. WHO के डायरेक्टर-जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि युवाओं पर भी कोरोना वायरस का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, और इससे उनकी जान भी जा सकती है.

“युवा लोगों के लिए मेरे पास एक मैसेज है. आप अजेय नहीं है, ये वायरस आपको हफ्तों के लिए अस्पताल में डाल सकता है और आपकी जान भी ले सकता है. अगर आप बीमार नहीं भी पडे़ंगे, तो भी आप जो कदम उठाएंगे, उससे किसी दूसरे पर गंभीर असर पड़ सकता है.”
टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस, WHO डायरेक्टर-जनरल

अमेरिकी टॉप एक्सपर्ट भी बार-बार दे चुके हैं सलाह

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर और अमेरिका के टॉप एक्सपर्ट डॉ एंथनी फॉशी ने भी युवा लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग पालन करने की अपील की है. डॉ फॉशी ने कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों से दूसरों में कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है, जिससे और ज्यादा लोगों में संक्रमण पहुंचेगा.

“प्लीज समस्या का हिस्सा नहीं, समाधान का हिस्सा होने की सामाजिक जिम्मेदारी मानें.”
डॉ एंथनी फॉशी, डायरेक्टर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज

ऐसे में जरूरी है कि बड़े-बुजुर्गों के साथ युवा भी अपनी सेहत का उतना ही ध्यान रखें. और ये सावधानी सिर्फ त्योहार के दिन नहीं, बल्कि रोज बरतें. ये सावधानियां आपको और आपके परिवार को इस जानलेवा वायरस से बचा सकती हैं.

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