अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में अब सिर्फ एक दिन और सुनवाई होनी बाकी है. खुद सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सुनवाई के 39 दिन पूरे हो चुके हैं. बुधवार को सुनवाई का 40वां और आखिरी दिन होगा. आखिरी दौर में चल रही सुनवाई में सोमवार तक मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं. जिसके बाद हिंदू पक्ष को मौका दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दौर की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मुझे पता है कि मैं पक्षपात नहीं कर रहा हूं. अगर मेरे दिल में जरा सी भी किसी पक्ष को लेकर सहानुभूति होती है तो मुझे सबसे पहले इस जांच से हट जाना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया था कि कोर्ट में सिर्फ उनसे ही सवाल पूछे जाते हैं. उन्होंने कहा था कि हिंदू पक्ष से सवाल क्यों नहीं किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान धवन ने कहा था, ‘‘माननीय न्यायाधीश ने दूसरे पक्ष से सवाल नहीं पूछे. सारे सवाल सिर्फ हमसे ही किये गये हैं. निश्चित ही हम उनका जवाब देंगे.’’
बार एंड बेंच के मुताबिक, हिंदू पक्ष की तरफ से अपनी दलीलें रखते हुए सीनियर वकील के पराशरण ने कहा कि भगवान राम के जन्मस्थान का हिंदुओं के लिए काफी महत्व है. अयोध्या में कई मस्जिदें हैं, लेकिन जन्मस्थान को बदला नहीं जा सकता है. इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष अब अपनी आखिरी दलीलें पेश कर रहा है. 16 अक्टूबर को सुनवाई खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट फैसले की तैयारी करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम चरण की दलीलों के लिए कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पेश कर सकता है. अपनी दलीलें पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष की तरफ से वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि गुंबद के नीचे जबरन लोग घुस आए थे. वहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी. पूजा बाहर हो रही थी इसलिए लोग गुंबद में घुस गए थे. 1950 में हिंदुओं ने कहा था कि हमें पूजा करने का अधिकार है. हम ये नहीं जता सकते हैं कि 1992 में कुछ नहीं हुआ था.
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