द क्विंट के दो पत्रकार विष्णुकांत तिवारी और मेघनाद बोस को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड-2021 (Ramnath Goenka Excellence in Journalism Awards 2024) से सम्मानित किया गया है.
विष्णुकांत को 'अनकवरिंग इंडिया इनविजिबल' कैटेगरी में बस्तर पर उनकी डॉक्यूमेंट्री और मेघनाद को 'इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग' कैटेगरी में पीएम केयर्स फंड पर उनकी रिपोर्ट लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
'अनकवरिंग इंडिया इनविजिबल'
विष्णुकांत तिवारी को "बस्तर में आदिवासी क्यों करते हैं सुरक्षाबलों का विरोध" नाम से छपी एक डॉक्यूमेंट्री के लिए 'अनकवरिंग इंडिया इनविजिबल' कैटेगरी में रामनाथ गोयनका अवॉर्ड दिया गया है.
यह डॉक्यूमेंट्री बस्तर के आदिवासियों और सुरक्षा बलों के बीच तनाव की तह में जाती है. कई स्थानीय लोगों के बीच जाकर द क्विंट ने आदिवासियों का पक्ष जाना है और मई 2021 में, बस्तर के हजारों आदिवासियों पर पुलिस फायरिंग में तीन आदिवासियों की जान जाने पर ध्यान खींचा है.
यहां देखें पूरी डॉक्यूमेंट्री.
'इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग'
'पीएम-केयर्स ने वैक्सीन के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये देने का वादा किया, लेकिन पैसा कहां गया?' नाम से छपी रिपोर्ट के लिए मेघनाद बोस को अवॉर्ड मिला है. इस रिपोर्ट में वैक्सीन बनाने के लिए पीएम-केयर्स फंड के पैसे को लेकर RTI के जरिए गंभीर सवाल उठाए गए हैं. ये रिपोर्ट साल 2021 में छपी थी.
इस रिपोर्ट कहा गया है कि 'इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि पीएम-केयर्स फंड ने 100 करोड़ रुपये किसे दिया या इस रकम को ट्रांसफर किया भी गया या नहीं.'
आप मेघनाद बोस की ये रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं.
साल 2020 में भी मेघनाद बोस को 'लिंचिस्तान' डॉक्यूमेंट्री के लिए रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला था.
क्या है रामनाथ गोयनका अवॉर्ड?
रामनाथ गोयनका अवॉर्ड पत्रकारिता में क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड है. रामनाथ गोयका फाउंडेशन की ओर से खोजी पत्रकारिता,रिसर्च, बेबाक कवरेज, डॉक्यूमेंट्री खेल, राजनीति सहित 13 कैटेगरी में अवॉर्ड दिया जाता है.
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