रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने 3 जनवरी, 2024 को विदेश मंत्रालय (MEA) के आधिकारिक प्रवक्ता का कार्यभार संभाल लिया है. रणधीर जयसवाल भारतीय विदेश सेवा के 1998 बैच से हैं और इन्होंने अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) की जगह ली है. आइए जानते हैं कौन हैं विदेश मंत्रालय के नए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल.
अरिंदम बागची को संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा कार्यालय में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है. शास्त्री भवन स्थित विदेश मंत्रालय के एक्सपी डिवीजन में बागची ने रणधीर जायसवाल को कार्यभार सौंपा.
1995 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी अरिंदम बागची विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं. बागची ने मार्च 2021 में प्रवक्ता के रूप में पदभार संभाला था. उनके कार्यकाल के दौरान कोरोना महामारी, पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध, भारत G20 शिखर सम्मेलन जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए.
कौन हैं रणधीर जायसवाल?
विदेश मंत्रालय के नए प्रवक्ता रणधीर जयसवाल, जो भारतीय विदेश सेवा के 1998 बैच के अधिकारी हैं - अब अरिंदम बागची की जगह लेंगे.
जायसवाल ने पहले जुलाई 2020 में न्यूयॉर्क में महावाणिज्यदूत (कॉन्स्यूलेट जेनरल) के रूप में काम किया था. कोरोना महामारी के दौरान उनकी सक्रियता की प्रवासी सदस्यों द्वारा प्रशंसा की गई थी. तब उन्होंने फंसे हुए भारतीय पर्यटकों, छात्रों और प्रवासी सदस्यों को अपने देश वापस भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. आधिकारिक तौर पर 26 नवंबर, 2023 को न्यूयॉर्क में उनका कार्यकाल खत्म हुआ था.
महावाणिज्यदूत के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जायसवाल के नेतृत्व में वीजा और भारत की विदेशी नागरिकता (ओसीआई) सेवाओं को मजबूत करने वाला एक मोबाइल ऐप लॉन्च हुआ था, जिसमें एप्लिकेंट के सावालों के जवाब देने के लिए भारती नाम की एक चैट बॉट की सुविधा थी. साथ ही एक प्रमिट 2.0 भी लॉन्च किया था जो एप्लिकेंट को उनके एप्लिकेशन की स्थिति पर वास्तविक समय पर अपडेट देने का काम करता है.
इसके अलावा जायसवाल पुर्तगाल, क्यूबा और दक्षिण अफ्रीका में भी तैनात रह चुके हैं.
उन्हें भारत की विदेश नीति के लिए संयुक्त सचिव के रूप में राष्ट्रपति की सेवा के लिए भी नियुक्त किया गया था. जयसवाल विभिन्न जलवायु परिवर्तन सम्मेलनों में भारत के प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा रहे हैं और 2012 में ब्राजील में आयोजित आरआईओ सम्मेलन में G77 देशों के प्रमुख वार्ताकार थे. उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री है.
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