ADVERTISEMENTREMOVE AD

यौन उत्पीड़न के आरोप की सुनवाई कर रही बेंच में मेरा शामिल होना गलत थाःरंजन गोगोई

रंजन गोगोई ने अपनी किताब 'जस्टिस फॉर जज' के लॉन्च के मौके पर यह बात कही.

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के खिलाफ एक महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, इन आरोपों के खिलाफ सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के पैनल में सीजेआई गोगोई उस वक्त खुद शामिल थे, जिसपर काफी सवाल उठे थे. अब गोगोई ने कबूल किया है कि उन्हें अपने खिलाफ आरोपों की सुनवाई वाले पैनल में शामिल नहीं होना चाहिए था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा, ''मुझे इस बेंच में जज नहीं होना चाहिए था. यह ज्यादा बेहतर होता अगर मैं उस बेंच का हिस्सा नहीं होता. हम सब गलतियां करते हैं, इसे कबूलने में कोई नुकसान नहीं है.'' हालांकि उनका कहना है कि उनके साढ़े 4 दशक को करियर पर दाग लगाया जा रहा था, इसलिए उनसे यह गलती हुई.

0

सुप्रीम कोर्ट ने खुद लिया था मामले का संज्ञान

बार ऐंड बेच की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस गोगोई ने अपनी किताब 'जस्टिस फॉर जज' के लॉन्च के मौके पर ये बातें कहीं. दरअसल अप्रैल 2019 में कुछ वेब पोर्टल्स ने जस्टिस गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप वाली खबर चलाई.

आरोपों के बाद तत्कालीन सीजेआई ने संज्ञान लेते हुए मामले को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच का गठन किया. इसके बाद यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए इन हाउस पैनल बनाया गया, जिसमें शुरुआत में जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल थीं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट पैनल ने जस्टिस गोगोई को क्लीनचिट दी थी

जस्टिस गोगोई से करीबी के आरोपों के बाद जस्टिस एनवी रमना ने पैनल से नाम वापस ले लिया था. बाद में आरोप लगाने वाली महिला ने कहा था कि पैनल में शामिल जजों जस्टिस बोबड़े, जस्टिस मल्होत्रा और जस्टिस बनर्जी से इंसाफ की उम्मीद नहीं है. इसलिए वह अब पैनल के सामने पेश नहीं होंगी. बाद में इस पैनल ने रंजन गोगोई को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×