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रेप मामलों में भारत के हालात बदतर, आंकड़े दे रहे हैं गवाही

कानून की सख्ती और जनता केआक्रोश के बावजूद रेप के मामले नहीं रुके. आंकड़े यही बताते हैं.

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भारत
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इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली कठुआ और उन्नाव गैंग रेप की घटनाओं को लेकर इन दिनों देश में बेहद गुस्से और आक्रोश का माहौल बना हुआ है. सोशल मीडिया में कैंपेन चल रहे हैं, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और सियासत में घमासान मचा हुआ है. दोषियों को मौत की सजा देने की मांग उठ रही है. ऐसे में, अगर देश में होने वाले रेप की वारदातों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कड़े कानूनों के बावजूद रेप की वारदातें कम नहीं हो रही हैं. ये आंकड़े मखौल उड़ाते हैं कानून का, और महिला सुरक्षा को लेकर किये जाने वाले तमाम दावों की पोल भी खोलते हैं.

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साल 2012 में दिल्ली के चर्चित निर्भया गैंगरेप मामले के वक्त भी ऐसा ही माहौल था. लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आये थे. इस खौफनाक मामले के बाद ये जनता के आक्रोश का ही असर था कि वर्मा कमिशन की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने नया एंटी रेप लॉ बनाया. इसके लिए आईपीसी और सीआरपीसी में तमाम बदलाव किए गए, और इसके तहत सख्त कानून बनाए गए. साथ ही रेप को लेकर कई नए कानूनी प्रावधान भी शामिल किए गए. लेकिन इतनी सख्ती और इतने आक्रोश के बावजूद रेप के मामले नहीं रुके. आंकड़े यही बताते हैं.

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दिल्ली है 'रेप कैपिटल'

देश की राजधानी दिल्ली में साल 2011 से 2016 के बीच महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में 277 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. दिल्ली में साल 2011 में जहां इस तरह के 572 मामले दर्ज किये गए थे, वहीं साल 2016 में यह आंकड़ा 2155 रहा. इनमें से 291 मामलों का अप्रैल 2017 तक नतीजा नहीं निकला था.

निर्भया कांड के बाद दिल्ली में दुष्कर्म के दर्ज मामलों में 132 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. साल 2017 में अकेले जनवरी महीने में ही दुष्कर्म के 140 मामले दर्ज किए गए थे. मई 2017 तक दिल्ली में दुष्कर्म के कुल 836 मामले दर्ज किए गए.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर एक घंटे में 4 रेप, यानी हर 14 मिनट में 1 रेप हुआ है. दूसरे शब्दों में, साल 2014 में देश भर में कुल 36975 रेप के मामले सामने आए हैं.
कानून की सख्ती और जनता केआक्रोश के बावजूद रेप के मामले नहीं रुके. आंकड़े यही बताते हैं.
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सबसे ज्यादा बलात्कार वाले ये हैं तीन राज्य

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बलात्कार के मामले 2015 की तुलना में 2016 में 12.4 फीसदी बढ़े हैं. 2016 में 38,947 बलात्कार के मामले देश में दर्ज हुए. मध्य प्रदेश इनमें अव्वल है, क्योंकि बलात्कार के सबसे ज्यादा -   4,882 मामले मध्य प्रदेश में दर्ज हुए. इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है, जहां 4,816 बलात्कार के मामले दर्ज हुए. बलात्कार के 4,189 दर्ज मामलों के साथ महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर रहा.

दूसरी ओर दिल्ली को NCRB के सालाना सर्वेक्षण के बाद महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर माना गया.

ये भी पढ़ें - बलात्कार और इंसाफ: कभी खत्म ना होने वाला इंतजार

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