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RapidX ट्रेन की रफ्तार मेट्रो से होगी डबल, 3 घंटे का सफर 1 घंटे में- जानिए किराया

RapidX Train Explained: मेट्रो से कितना अलग है रैपिडएक्स? स्पीड के मामले में कितना अहम?

Published
भारत
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भारत की पहली क्षेत्रीय ट्रेन सेवा, रैपिडएक्स (RapidX) शुक्रवार यानी 20 अक्टूबर को शुरू होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गाजियाबाद में 'दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS)' का उद्घाटन करेंगे. इस ट्रेन का नाम 'नमो भारत' रखा गया है. साल 2019 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर का निर्माण शुरू हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री इस सेमी हाई स्पीड ट्रेन में दुहाई तक का सफर करेंगे और उसके बाद वसुंधरा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.

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कितना लंबा है प्रोजेक्ट, पहली ट्रेन कहां से कहां तक चलेगी?

RapidX की शुरुआत दुहाई और साहिबाबाद के बीच 17 किलोमीटर की दूरी पर चलने के साथ होगी, इसमें कुल पांच स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं.

रैपिड रेल प्रोजेक्ट दिल्ली से मेरठ तक बन रहा है. इसकी कुल लंबाई 82 किलोमीटर है.

आम जनता के लिए कब शुरू होगी सेवा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन के बाद 21 अक्टूबर से रैपिडेक्स आम जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी और लोग इसमें सफर कर सकेंगे.

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RRTS (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को किसने बनाया है?

RRTS को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने विकसित किया गया है. NCRTC भारत सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों का एक संयुक्त वेंचर है. 29 जून, 2011 को केंद्र और चार राज्यों के बीच एक समझौता ज्ञापन के तहत स्थापित, NCRTC को औपचारिक रूप से 21 अगस्त, 2013 को एक कंपनी के रूप में शामिल किया गया था.

NCRTC ने कहा है कि

स्टेशनों पर गहन मल्टी-मॉडल इंटेग्रेशन विकसित करने के लिए केंद्र, चार राज्य सरकारों और परिवहन प्रणालियों के साथ काम किया है. जहां भी संभव हो, इन स्टेशनों को विभिन्न मेट्रो लाइनों, हवाई अड्डों और बस अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा.
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मेट्रो ट्रेन से कितना अलग है RapidX, स्पीड के मामले में कितना अहम?

NCRTC द्वारा शेयर किए गए एक डॉक्यूमेंट के मुताबिक RRTS, मेट्रो रेल से अलग है. मेट्रो की 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के मुकाबले इसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. जहां मेट्रो ट्रेन को 100 किलोमीटर का सफर पूरा करने में तीन घंटे लगेंगे, वहीं आरआरटीएस उस दूरी को केवल एक घंटे में तय कर लेगी.

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क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट की क्या लागत है?

RRTS प्रोजेक्ट का निर्माण 30,274 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. एशियन डेवलपमेंट बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ने भी इस प्रोजेक्ट को फंड किया है.

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क्या होगी टिकट की कीमत?

Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक NCRTC ने कहा कि RapidX ट्रेनों से यात्रा करने वाले लोगों को साहिबाबाद से गाजियाबाद के दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर के सफर के लिए स्टैंडर्ड कोच सीट के लिए 20 से 50 रूपए खर्च करने होंगे, जबकि प्रीमियम कोच में सफर करने के लिए प्रति सीट 40 से 100 रूपए देने होंगे.

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RapidX में यात्रियों को किस तरह की सुविधाएं मिलेंगी?

इन ट्रेनों में कई यात्री-केंद्रित सुविधाएं शामिल की गई हैं. इसमें ओवरहेड सामान रैक, वाई-फाई, हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा है. हर ट्रेन में चौड़ी सीटों, ज्यादा पैर रखने की जगह और कोट हैंगर वाली एक प्रीमियम क्लास की कार होगी. ट्रेनें वेंडिंग मशीन की सुविधा से भी लैस होंगी.

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RapidX ट्रेन के नाम में 'X' क्यों जोड़ा गया है?

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक NCRTC के अधिकारियों ने कहा कि गति और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में 'X' अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी और नए दौर की गतिशीलता को दर्शाता है. यह यूथ और एनर्जी को भी रीप्रजेंट करता है.

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