ADVERTISEMENTREMOVE AD

रतन टाटा की जवानी की फोटो वायरल, लेकिन क्या प्रेम कहानी जानते हैं?

रतन टाटा 21 साल तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने गुरुवार को इंस्टाग्राम पर अपनी जवानी की एक तस्वीर शेयर की है. सोशल मीडिया पर उनकी इस फोटो की काफी प्रशंसा की जा रही है. इस पोस्ट पर 2,40,000 से ज्यादा लाइक्स और 2800 से ज्यादा कमेंट किए गए हैं.

तस्वीर के साथ रतन टाटा ने कैप्शन में लिखा, "मैं इसे कल ही पोस्ट करने वाला था, लेकिन फिर मुझे 'थ्रोबैक्स' के बारे में बताया गया और वह गुरुवार को कैसे हो सकता था. तो यह एलए (लॉस एंजेलिस) के दिनों की मेरी थ्रोबैक तस्वीर है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रतन टाटा की इस तस्वीर पर एक यूजर ने लिखा, "पर्पज, विजन और सेंस ऑफ ह्यूमर का पूर्ण संतुलन. आप रॉक हो सर." ऐसे ही एक दूसरे यूजर ने लिखा, "आप बहुत अच्छे इंसान हो सर, ढेर सारा प्यार."

लेकिन क्या आप प्रेम कहानी जानते हैं?

क्या है रतन टाटा की प्रेम कहानी?

रतन टाटा ने अपनी लाइफ में 4 बार मोहब्बत की है, ऐसी मोहब्बत जो अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है. ऐसा खुद उन्होंने CNN को कुछ साल पहले दिए इंटरव्यू में कहा था.

रतन टाटा की बातों को गौर से सुने तो वो कहते नजर आए कि 4 बार उन्होंने 'सीरियसली' प्यार किया. उन्होंने बताया कि एक बार तो उन्हें शादी वाला मुकाम हासिल होने ही वाला था कि भारत-चीन युद्ध (1962) हो गया. इस किस्से के बारे में रतन टाटा कहते हैं कि उस वक्त वो अमेरिका में काम करते थे, उन्हें शिद्दत वाला प्यार हो गया. वो कुछ काम के सिलसिले में स्वदेश वापस लौट गए, उनकी प्रेमिका भी आने वाली थी कि भारत-चीन विवाद शुरू हो गया. फिर क्या, वो नहीं आई और कुछ वक्त बाद उनकी शादी यूएस में ही किसी और से हो गई.

रतन कहते हैं कि वो 4 बार शादी करने के बेहद करीब थे, लेकिन कुछ न कुछ ऐसी वजहें आ गईं की वो शादी नहीं कर सके और आजीवन कुंवारे ही रह गए.

रतन टाटा का बिजनेस करियर

रतन टाटा 21 साल तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. 1991 में उन्हें ये जिम्मेदारी मिली और अपने 75वें जन्मदिन तक उन्होंने चेयरमैन का कार्यभार संभाला. इस दौरान ग्रुप के रेवेन्यू में कई गुने का इजाफा हुआ, 2011-12 में ग्रुप का कुल रेवेन्यू 100 बिलियन डॉलर रहा.

रतन टाटा अपने बिजनेस करियर के दौरान तुरंत और बड़े फैसले लिए जाने के लिए जाने जाते हैं. चाहे हाल का साइरस मिस्त्री को ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाने का फैसला हो या, जेगुआर लैंड रोवर का खरीदने का फैसला. कभी-कभी उन्हें निराशा भी हाथ लगी.

रतन टाटा की सबसे महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक थी आम लोगों की लखटकिया कार, जिसे नैनो का नाम दिया गया. नैनो सिर्फ टाटा ग्रुप का बिजनेस प्रोजेक्ट ही नहीं रतन टाटा का सपना बन गया था. लेकिन ये प्रोजेक्ट कुछ खास सफल नहीं हो पाया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×