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हमें लोकतंत्र पर न दें भाषण: सोशल मीडिया कंपनियों से रविशंकर 

रविशंकर प्रसाद ने फिर बताया नए आईटी नियमों का मकसद 

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भारत
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केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने शनिवार को सोशल मीडिया कंपनियों से कहा कि वे बोलने की आजादी और लोकतंत्र पर भारत को भाषण न दें. इसके साथ ही प्रसाद ने दोहराया कि अगर ये कंपनियां भारत में कमाई करना चाहती हैं तो उनको भारत के संविधान और भारतीय कानूनों का पालन करना होगा.

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एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) दिशानिर्देश सोशल मीडिया के इस्तेमाल से संबंधित नहीं हैं लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के 'दुष्प्रयोग' और 'गलत इस्तेमाल' से निपटते हैं.

प्रसाद ने कहा कि नए आईटी नियम इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने वालों को उनकी शिकायतों के समाधान के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराते हैं. 

उन्होंने कहा कि इन नियमों का मकसद सोशल मीडिया फर्मों पर सामग्री को रेग्युलेट करना, फेसबुक, वॉट्सऐप और ट्विटर जैसों मंचों को पोस्ट को जल्दी से हटाने के लिए किए गए कानूनी अनुरोधों और मैसेज के ऑरिजनेटर का विवरण साझा करने के अनुरोधों के प्रति और जवाबदेह बनाना है.

प्रसाद ने कहा, “नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत स्थित शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी की तैनाती करने की जरूरत है जिससे सोशल मीडिया के करोड़ों उपभोक्ताओं को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक मंच मिल सके.”

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उन्होंने कहा कि इस मकसद के लिए देश में स्थित तीन अधिकारियों की नियुक्ति के लिए कहकर कोई उनसे “कायनात” नहीं मांग रहा.

केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “यह मूलभूत जरूरतें हैं. मैं जोर देकर दोहराना चाहूंगा कि भारत को अमेरिका में रहकर लाभ कमाने वाली कंपनी से बोलने की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर व्याख्यान की जरूरत नहीं है. भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं, स्वतंत्र न्यायपालिका, मीडिया, नागरिक संस्थाएं हैं. मैं यहां छात्रों से बात कर रहा हूं और उनके सवालों को सुन रहा हूं और यह असली लोकतंत्र है. इसलिए लाभ कमाने वाली इन कंपनियों को हमें लोकतंत्र पर भाषण नहीं देना चाहिए.”

प्रसाद ने कहा, “जब भारतीय कंपनियां अमेरिका में कारोबार करने के लिए जाती हैं तो क्या वे अमेरिकी कानून का पालन नहीं करतीं? आप अच्छा धन कमाते हैं, अच्छा लाभ कमाते हैं क्योंकि भारत एक डिजिटल बाजार है, यहां कोई समस्या नहीं है. प्रधानमंत्री की आलोचना कीजिए, मेरी निंदा कीजिए, मुश्किल सवाल पूछिए लेकिन आप भारतीय कानूनों का सम्मान क्यों नहीं करेंगे? अगर आप भारत में कारोबार करना चाहते हैं तो आपको भारतीय संविधान और भारतीय कानून का पालन करना होगा.”

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