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कानून मंत्री की CJI से अपील, रेप केस में 2 महीने में पूरी हो जांच

रेप और POCSO के 1.66 लाख मामले पेंडिंग

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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि देश की महिलाएं पीड़ा और तनाव में हैं, वो न्याय की गुहार लगा रही हैं. ऐसे में अदालतों में केस के तेजी से निपटारे के लिए कोई व्यवस्था बनाना जरूरी है.

कानून मंत्री ने कहा, "मैं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से आग्रह करूंगा कि नाबालिगों से रेप के मामलों में जांच 2 महीने के भीतर पूरी हो. मैंने अपने डिपार्टमेंट को भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं."

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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, केंद्रीय और राज्य सरकार देशभर में 1023 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना करने की तैयारी कर रही है.

पॉक्सो और बलात्कार के अपराधों के लिए 704 फास्ट-ट्रैक कोर्ट पहले ही मौजूद हैं. इन 1023 में से 400 फास्ट-ट्रैक कोर्ट पर सहमति बन गई है. ये जल्द ऑपरेशन में आएंगे.
रविशंकर प्रसाद, कानून मंत्री 

उन्होंने जोर देकर कहा, 'हमें अपने न्यायपालिका में प्रतिभा के आकर्षण पर ज्यादा जोर करने की जरूरत है. हमारे पास अच्छे जज होने चाहिए. हमें न्यायपालिका में प्रतिभा का ज्यादा समावेश करने की आवश्यकता है.'

रेप और POCSO के 1.66 लाख मामले पेंडिंग

केंद्र सरकार देशभर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना कर रही है. देश में ऐसे 1.66 लाख से ज्यादा मुकदमे पेंडिंग हैं. केंद्रीय कानून मंत्रालय के तहत न्याय विभाग ने फास्ट ट्रैक कोर्ट का प्रस्ताव तैयार किया है. हर फास्ट कोर्ट में हर साल कम से कम ऐसे 165 मामलों का निपटारा किए जाने की उम्मीद है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, इनमें से 389 अदालतें खासतौर से ‘यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम’ के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करेंगी. बाकी 634 अदालतें या तो बलात्कार के मामलों या पॉक्सो कानून के मामलों की सुनवाई करेंगी.

कानून मंत्रालय ने इन 1,023 अदालतों की स्थापना के लिए कुल 767.25 करोड़ रुपये की रकम का प्रस्ताव रखा है. केंद्रीय सहयोग के रूप में एक साल के लिए 474 करोड़ रुपये निर्भया फंड से दिए जाएंगे.

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