आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने अमेरिका के संरक्षणवादी रवैये पर टिप्पणी की है. पटेल ने कहा कि एप्पल, सिस्को और आईबीएम जैसी बड़ी कंपनियों में अगर दुनियाभर से अच्छे प्रोडक्ट और लोगों का टैलेंट नहीं पहुंचता, तो ये कंपनियां आज कहां होतीं?
पटेल ने अमेरिका में एक भाषण देने के बाद कहा, ‘‘अमेरिका जिन नीतियों पर चल रहा है, उनको देखकर ऐसा नहीं लगता है कि ये अमेरिकी नीति को लेकर चल रही बातचीत पर आखिरी शब्द है. दुनियाभर में इस बात को लेकर जोरों पर चर्चा है कि फ्री ट्रेड सिस्टम से दुनिया को फायदा हुआ है.''
वित्त मंत्री ने भी संरक्षणवाद पर विचार रखे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत संरक्षणवाद के असर पर पूछे गए सवालों का कुछ इस तरह ही जवाब दिया. जेटली ने विदेशी संबंधों की बात करते हुए कहा कि उन्हें भारत-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में किसी तरह का दबाव दिखाई नहीं दिया.
जेटली ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पिछले ढाई सालों में बेहतर हुए हैं और अब ये संबंध कुछ अस्थायी दबाव में खराब होने वाले नहीं हैं.
जेटली का कहना है कि भारत-अमेरिका एक मजबूत संबंध है, जिसका असर दोनों देशों के चुनावों के दौरान देखा जाता है. जेटली को यकीन है कि नई सरकार आने के बावजूद भी यह संबंध बरकरार रहेगा और आगे सुधार होता रहेगा.
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