भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि पहली तिमाही में पांच फीसदी की जीडीपी दर चौंकाने वाली है. CNBC-टीवी 18 के साथ खास बातचीत में आरबीआई गवर्नर ने कहा, जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से खराब हैं.
मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट में भारी गिरावट और कृषि सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है. साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में GVA लुढ़ककर 0.6% पर आ गई है. जबकि पिछले फाइनेंशियल ईयर में ये 12.1 परसेंट थी.
देश में आर्थिक मंदी पर बात करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा, "हम समीक्षा कर रहे हैं कि जीडीपी के आंकड़े इतने कम क्यों हैं. मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मंदी का साफ संकेत दिया था और उनका नैरेटिव बहुत साफ है."
RBI गवर्नर ने कहा-
मौद्रिक कदम उठाने की संभावना विकास और महंगाई के आने वाले आंकड़ों पर निर्भर करती है. आरबीआई अपने पूर्वानुमानों को बेहतर बनाने के तरीकों पर गौर कर रहा है. एमपीसी अगली बैठक में जीडीपी ग्रोथ पर चर्चा करेगी.
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के अरामको के सामने अगर तेल के उत्पादन में कमी ज्यादा समय तक बनी रहती है, तो करंट अकाउंट डेफिसिट पर इसका कुछ असर हो सकता है. दरअसल, सऊदी अरब में दो ऑयल प्लांट पर एक ड्रोन हमले ने वैश्विक तेल आपूर्ति को नुकसान पहुंचाया है. तेल की कीमतों में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के (NBFC) के बारे में बात करते हुए दास ने कहा, बाजार चाहता है कि आरबीआई इस बात की समीक्षा करे कि कौन कर्ज दे सकता है और कौन नहीं. लेकिन आरबीआई ऐसा नहीं कर सकता. एनबीएफसी को ही ऐसा करना होगा.
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